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पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से बरगाड़ी बेअदबी मामले में हाईकोर्ट में झूठे बयान देकर रोड़ा अटकाने की चाल की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी मौखिक तौर पर सीबीआई की कार्रवाई को ‘घृणित’ करार दिया है।
हाईकोर्ट की तरफ से सोमवार को मौखिक तौर पर की टिप्पणियों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेअदबी के मामलों को और लटकाने और जांच को भटकाने के लिए सीबीआई की कोशिशों से केंद्रीय एजेंसी के बुरे इरादे जाहिर हो गए हैं लेकिन राज्य सरकार जांच को लटकाने की कोशिशों को सफल होने नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की जांच को किसी निष्कर्ष पर पहुंचाए बिना केस को बंद करने के बाद सीबीआई की तरफ से अब राजनीति से प्रेरित कदम उठाए जा रहे हैं ताकि राज्य सरकार को अपने स्तर पर यह जांच पूरी करने से रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को केस में शामिल एक आरोपी की रिव्यू पिटीशन रद्द करते हुए कहा, ‘सीबीआई की यह कार्रवाई घृणित है।’
अदालत ने महसूस किया कि यह सोचा गया था कि सीबीआई अपने तौर तरीके बदल लेगी लेकिन अब दायर किए एक अन्य हलफनामे के मुताबिक सीबीआई ने परसोनल और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को जानकारी दी कि राज्य की तरफ से सहमति वापस लेना गैर-कानूनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत के बोले शब्दों का या तो बहरे कानों पर कोई असर नहीं हुआ या फिर सीबीआई जानबूझ कर केस को दफन करने की कोशिशें कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह मामला कानूनी निष्कर्ष पर न पहुंचे।
सीबीआई के शर्मनाक रवैये के कारण वापस ली सहमति : कैप्टन
कैप्टन ने कहा कि बेअदबी के पूरे मामले में सीबीआई का यह शर्मनाक रवैया ही था कि उनकी सरकार को मामले की जांच की सहमति वापस लेने पर मजबूर किया गया और किसी भी अन्य मामले में राज्य की मंजूरी के बिना दखल न देने के लिए कदम उठाना पड़ा। बेअदबी मामलों को अपने हाथ में लेने के बाद पंजाब पुलिस ने मामले को हल करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं और इसी कारण केंद्रीय जांच एजेंसी, जो राजनैतिक आकाओं के इशारों पर काम कर रही है, को यह बात हजम नहीं हो रही।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से बरगाड़ी बेअदबी मामले में हाईकोर्ट में झूठे बयान देकर रोड़ा अटकाने की चाल की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने भी मौखिक तौर पर सीबीआई की कार्रवाई को ‘घृणित’ करार दिया है।
हाईकोर्ट की तरफ से सोमवार को मौखिक तौर पर की टिप्पणियों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेअदबी के मामलों को और लटकाने और जांच को भटकाने के लिए सीबीआई की कोशिशों से केंद्रीय एजेंसी के बुरे इरादे जाहिर हो गए हैं लेकिन राज्य सरकार जांच को लटकाने की कोशिशों को सफल होने नहीं देगी।
उन्होंने कहा कि बेअदबी मामलों की जांच को किसी निष्कर्ष पर पहुंचाए बिना केस को बंद करने के बाद सीबीआई की तरफ से अब राजनीति से प्रेरित कदम उठाए जा रहे हैं ताकि राज्य सरकार को अपने स्तर पर यह जांच पूरी करने से रोका जा सके। उल्लेखनीय है कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को केस में शामिल एक आरोपी की रिव्यू पिटीशन रद्द करते हुए कहा, ‘सीबीआई की यह कार्रवाई घृणित है।’
अदालत ने महसूस किया कि यह सोचा गया था कि सीबीआई अपने तौर तरीके बदल लेगी लेकिन अब दायर किए एक अन्य हलफनामे के मुताबिक सीबीआई ने परसोनल और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को जानकारी दी कि राज्य की तरफ से सहमति वापस लेना गैर-कानूनी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अदालत के बोले शब्दों का या तो बहरे कानों पर कोई असर नहीं हुआ या फिर सीबीआई जानबूझ कर केस को दफन करने की कोशिशें कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह मामला कानूनी निष्कर्ष पर न पहुंचे।
सीबीआई के शर्मनाक रवैये के कारण वापस ली सहमति : कैप्टन
कैप्टन ने कहा कि बेअदबी के पूरे मामले में सीबीआई का यह शर्मनाक रवैया ही था कि उनकी सरकार को मामले की जांच की सहमति वापस लेने पर मजबूर किया गया और किसी भी अन्य मामले में राज्य की मंजूरी के बिना दखल न देने के लिए कदम उठाना पड़ा। बेअदबी मामलों को अपने हाथ में लेने के बाद पंजाब पुलिस ने मामले को हल करने के लिए बड़े कदम उठाए हैं और इसी कारण केंद्रीय जांच एजेंसी, जो राजनैतिक आकाओं के इशारों पर काम कर रही है, को यह बात हजम नहीं हो रही।