बच्चों के लिए खुशखबरी है कि अब उन्हें खेलने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी एरिया के सरकारी स्कूल शाम के समय अपने ग्राउंड के गेट खुले रखें। इस समय शहर में 1900 ग्रीन बेल्ट और पार्क हैं।
लेकिन किसी भी पार्क में खेलने की मंजूरी नहीं है। अभिभावक और रेजिडेंट्स लंबे समय से मैदान तय करने की मांग कर रहे थे। सभी स्कूलों के मैदान खोलने के साथ शिक्षा सचिव सरबजीत सिंह ने चीफ इंजीनियर को यह भी निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों के मैदान में फ्लड लाइट्स भी लगाई जाएं।
ताकि बच्चे देर शाम तक मैदान में खेल सकें। अभी तक प्रशासन ने सिर्फ 17 सरकारी स्कूलों के मैदान ही खोलने का निर्णय लिया था। लेकिन वहां अभी स्पोर्ट्स कॉर्नर बन रहे हैं। शहर में इस समय 107 सरकारी स्कूल हैं। वीरवार को निगम के मेयर अरुण सूद भाजपा अकाली के 10 पार्षदों के साथ वित्त सचिव से मिले।
इस मौके पर मेयर ने मांग रखी कि 17 स्कूलों में लाइटें लगाने का काम पार्षदों को दिया जाए। ताकि वह वार्ड फंड से राशि खर्च सकें। इस मौके पर वित्त सचिव ने बताया कि सभी सरकारी स्कूलों के मैदान खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। बैठक में वित्त सचिव ने चीफ इंजीनियर को लिखित में नोट भेजकर कहा कि सभी स्कूलों के मैदान में लाइटें लगाई जाएं।
334 पार्क में खेल रहे हैं बच्चे
शहर की सभी ग्रीन बेल्ट और रिहायशी इलाकों के पार्क में बच्चों के खेलने पर पाबंदी है। इसके बावजूद शहर के 334 पार्क में बच्चे खेल रहे हैं। यह बात नगर निगम द्वारा कराए गए एक सर्वे में सामने आई है। जबकि 212 पार्कों में अवैध तौर पर गाड़ियां पार्क होती हैं।
कम्युनिटी पार्किंग स्थल बनाए जाएं
मेयर और पार्षदों ने वित्त सचिव से कहा कि इस समय शहर में कई नेहबरहुड पार्क हैं। जहां कोई विकास नहीं हुआ है। ऐसे पार्कों को कम्युनिटी पार्किंग में तबदील किया जाए। वह कई बार कम्युनिटी पार्किंग स्थल बनाने के लिए प्रस्ताव पास कर प्रशासन को भेज चुके हैं। लेकिन प्रशासन का वास्तुकार विभाग मंजूरी नहीं दे रहा है।
बजट की प्रति सौंपी
मेयर सहित 10 पार्षदों ने नगर निगम की ओर से नए वित्तीय सत्र के लिए पास किए गए बजट की प्रति वित्त सचिव को सौंपी। मेयर ने वित्त सचिव को बताया कि इस बार बजट पास करने से पहले लोगों के सुझाव भी लिए गए हैं। मालूम हो कि इस बार नगर निगम ने 1072 करोड़ 48 लाख का बजट पास किया है।
इसमें प्लान बजट के लिए 571 करोड़ 90 लाख और नॉन प्लान बजट के लिए 500 करोड़ 58 लाख रुपये का प्रावधान है। जबकि नगर निगम ने 2016-17 के नए वित्तीय सत्र में अपनी प्रस्तावित आय मात्र 158 करोड़ 41 लाख होने का दावा किया है। इस बजट की प्रति पार्षदों ने गृह सचिव को भी सौंपी है। बजट की प्रति सौंपने के साथ मेयर ने प्रशासन से मांग की है कि इस बार ज्यादा बजट नगर निगम को दिया जाए।
कांग्रेस और मनोनीत पार्षद नहीं आए
बजट की प्रति प्रशासन के अधिकारियों को सौंपने के लिए सभी नगर निगम के पार्षदों को सूचना दी गई थी। लेकिन कांग्रेस और मनोनीत में से कोई भी पार्षद नहीं आया। मालूम हो कि कांग्रेस ने 12 फरवरी को होने वाली सदन की बैठक में बजट की चर्चा में पूर्व मेयर पूनम शर्मा को बोलने का समय न देने पर बहिष्कार किया था। वहीं कांग्रेस पार्षदों के अनुसार सूचना ऐन मौके पर दी गई थी। मेयर अरुण सूद का कहना है कि सभी 35 पार्षदों को सूचना दी गई थी। कम समय में अगर भाजपा अकाली के पार्षद आ सकते थे तो कांग्रेस के क्यों नहीं।
बच्चों के लिए खुशखबरी है कि अब उन्हें खेलने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी एरिया के सरकारी स्कूल शाम के समय अपने ग्राउंड के गेट खुले रखें। इस समय शहर में 1900 ग्रीन बेल्ट और पार्क हैं।
लेकिन किसी भी पार्क में खेलने की मंजूरी नहीं है। अभिभावक और रेजिडेंट्स लंबे समय से मैदान तय करने की मांग कर रहे थे। सभी स्कूलों के मैदान खोलने के साथ शिक्षा सचिव सरबजीत सिंह ने चीफ इंजीनियर को यह भी निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों के मैदान में फ्लड लाइट्स भी लगाई जाएं।
ताकि बच्चे देर शाम तक मैदान में खेल सकें। अभी तक प्रशासन ने सिर्फ 17 सरकारी स्कूलों के मैदान ही खोलने का निर्णय लिया था। लेकिन वहां अभी स्पोर्ट्स कॉर्नर बन रहे हैं। शहर में इस समय 107 सरकारी स्कूल हैं। वीरवार को निगम के मेयर अरुण सूद भाजपा अकाली के 10 पार्षदों के साथ वित्त सचिव से मिले।
इस मौके पर मेयर ने मांग रखी कि 17 स्कूलों में लाइटें लगाने का काम पार्षदों को दिया जाए। ताकि वह वार्ड फंड से राशि खर्च सकें। इस मौके पर वित्त सचिव ने बताया कि सभी सरकारी स्कूलों के मैदान खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। बैठक में वित्त सचिव ने चीफ इंजीनियर को लिखित में नोट भेजकर कहा कि सभी स्कूलों के मैदान में लाइटें लगाई जाएं।
334 पार्क में खेल रहे हैं बच्चे
शहर की सभी ग्रीन बेल्ट और रिहायशी इलाकों के पार्क में बच्चों के खेलने पर पाबंदी है। इसके बावजूद शहर के 334 पार्क में बच्चे खेल रहे हैं। यह बात नगर निगम द्वारा कराए गए एक सर्वे में सामने आई है। जबकि 212 पार्कों में अवैध तौर पर गाड़ियां पार्क होती हैं।
कम्युनिटी पार्किंग स्थल बनाए जाएं
मेयर और पार्षदों ने वित्त सचिव से कहा कि इस समय शहर में कई नेहबरहुड पार्क हैं। जहां कोई विकास नहीं हुआ है। ऐसे पार्कों को कम्युनिटी पार्किंग में तबदील किया जाए। वह कई बार कम्युनिटी पार्किंग स्थल बनाने के लिए प्रस्ताव पास कर प्रशासन को भेज चुके हैं। लेकिन प्रशासन का वास्तुकार विभाग मंजूरी नहीं दे रहा है।
बजट की प्रति सौंपी
मेयर सहित 10 पार्षदों ने नगर निगम की ओर से नए वित्तीय सत्र के लिए पास किए गए बजट की प्रति वित्त सचिव को सौंपी। मेयर ने वित्त सचिव को बताया कि इस बार बजट पास करने से पहले लोगों के सुझाव भी लिए गए हैं। मालूम हो कि इस बार नगर निगम ने 1072 करोड़ 48 लाख का बजट पास किया है।
इसमें प्लान बजट के लिए 571 करोड़ 90 लाख और नॉन प्लान बजट के लिए 500 करोड़ 58 लाख रुपये का प्रावधान है। जबकि नगर निगम ने 2016-17 के नए वित्तीय सत्र में अपनी प्रस्तावित आय मात्र 158 करोड़ 41 लाख होने का दावा किया है। इस बजट की प्रति पार्षदों ने गृह सचिव को भी सौंपी है। बजट की प्रति सौंपने के साथ मेयर ने प्रशासन से मांग की है कि इस बार ज्यादा बजट नगर निगम को दिया जाए।
कांग्रेस और मनोनीत पार्षद नहीं आए
बजट की प्रति प्रशासन के अधिकारियों को सौंपने के लिए सभी नगर निगम के पार्षदों को सूचना दी गई थी। लेकिन कांग्रेस और मनोनीत में से कोई भी पार्षद नहीं आया। मालूम हो कि कांग्रेस ने 12 फरवरी को होने वाली सदन की बैठक में बजट की चर्चा में पूर्व मेयर पूनम शर्मा को बोलने का समय न देने पर बहिष्कार किया था। वहीं कांग्रेस पार्षदों के अनुसार सूचना ऐन मौके पर दी गई थी। मेयर अरुण सूद का कहना है कि सभी 35 पार्षदों को सूचना दी गई थी। कम समय में अगर भाजपा अकाली के पार्षद आ सकते थे तो कांग्रेस के क्यों नहीं।