आखिरकार चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने मंगलवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की एजी और डीजीपी को हटाने की मांग को मान ही लिया। सरकार ने एडवोकेट जनरल एपीएस देओल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। हालांकि इसके बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह फिर सामने आ गई है।
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एजी को हटाने पर सांसद मनीष तिवारी ने सवाल उठाए हैं। तिवारी ने ट्वीट किया कि अब पंजाब सरकार ने नए एडवोकेट जनरल को नियुक्त करने का फैसला ले लिया है। ऐसे में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को ध्यान में रखा जाए। एक वकील कोर्ट, ट्रिब्यूनल और अथॉरिटी के सामने कोई भी केस ले सकता है। वकील कुछ खास हालात में केस लेने से इनकार भी कर सकता है।
तिवारी ने लिखा कि एजी ऑफिस का सियासीकरण इसके सांविधानिक काम को प्रभावित करता है। पंजाब के दोनों एडवोकेट जनरल पंचिंग बैग की तरफ इस्तेमाल किए गए। तिवारी ने कहा कि जो लोग एडवोकेट जनरल का विरोध कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वकील किसी क्लाइंट से बंधा नहीं होता। उन्होंने इसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से वकील के संबंध में जारी नियमों की कॉपी भी ट्वीट की है।
वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि एक सक्षम लेकिन 'कथित तौर पर' समझौता करने वाले अधिकारी के निष्कासन ने एक 'वास्तव में' समझौता करने वाले मुख्यमंत्री का पर्दाफाश कर दिया है। साथ ही एक प्रासंगिक सवाल को जन्म दिया कि आखिर किसकी सरकार है।
डीजीपी भी हटेंगे
एजी का इस्तीफा स्वीकार करने के अलावा सरकार ने डीजीपी के पद पर तैनात इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाने की सिद्धू की मांग को भी मान लिया है। पंजाब सरकार के अनुसार, यूपीएससी से पैनल मिलते ही नए डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। मंगलवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू के बीच लगातार दूसरे दिन सुलह बैठक हुई थी, जिसके नतीजे के तौर पर एजी और डीजीपी पर फैसले सामने आए हैं।
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आखिरकार चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने मंगलवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की एजी और डीजीपी को हटाने की मांग को मान ही लिया। सरकार ने एडवोकेट जनरल एपीएस देओल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। हालांकि इसके बाद कांग्रेस की अंदरूनी कलह फिर सामने आ गई है।
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एजी को हटाने पर सांसद मनीष तिवारी ने सवाल उठाए हैं। तिवारी ने ट्वीट किया कि अब पंजाब सरकार ने नए एडवोकेट जनरल को नियुक्त करने का फैसला ले लिया है। ऐसे में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को ध्यान में रखा जाए। एक वकील कोर्ट, ट्रिब्यूनल और अथॉरिटी के सामने कोई भी केस ले सकता है। वकील कुछ खास हालात में केस लेने से इनकार भी कर सकता है।
तिवारी ने लिखा कि एजी ऑफिस का सियासीकरण इसके सांविधानिक काम को प्रभावित करता है। पंजाब के दोनों एडवोकेट जनरल पंचिंग बैग की तरफ इस्तेमाल किए गए। तिवारी ने कहा कि जो लोग एडवोकेट जनरल का विरोध कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि वकील किसी क्लाइंट से बंधा नहीं होता। उन्होंने इसके लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से वकील के संबंध में जारी नियमों की कॉपी भी ट्वीट की है।
वहीं पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया कि एक सक्षम लेकिन 'कथित तौर पर' समझौता करने वाले अधिकारी के निष्कासन ने एक 'वास्तव में' समझौता करने वाले मुख्यमंत्री का पर्दाफाश कर दिया है। साथ ही एक प्रासंगिक सवाल को जन्म दिया कि आखिर किसकी सरकार है।
डीजीपी भी हटेंगे
एजी का इस्तीफा स्वीकार करने के अलावा सरकार ने डीजीपी के पद पर तैनात इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाने की सिद्धू की मांग को भी मान लिया है। पंजाब सरकार के अनुसार, यूपीएससी से पैनल मिलते ही नए डीजीपी की नियुक्ति की जाएगी। मंगलवार को पंजाब कैबिनेट की बैठक से पहले मुख्यमंत्री चन्नी और सिद्धू के बीच लगातार दूसरे दिन सुलह बैठक हुई थी, जिसके नतीजे के तौर पर एजी और डीजीपी पर फैसले सामने आए हैं।