राजनीतिक परिवार से आने वाले आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर बांगर में भाजपा का कमल खिला दिया है। पहली बार लोकसभा चुनाव में भाजपा हिसार सीट पर जीत दर्ज की है। जींद जिले का महज एक विधानसभा क्षेत्र हिसार लोकसभा क्षेत्र में होने के बावजूद जींद के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है।
इसके साथ ही बृजेंद्र सिंह ने राजनीति की पहली ही परीक्षा में पास हो गए हैं। इससे पहले 1998 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की थी। आईएएस की परीक्षा में नौवां स्थान हासिल करने वाले बृजेंद्र सिंह ने चुनावी परीक्षा में भी पुराने किलों को ध्वस्त करते हुए शानदार जीत हासिल की है। बृजेंद्र सिंह का सिविल सेवा के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है।
ऐसे में उनके समर्थकों का मानना है कि इस अनुभव के आधार पर उन्हें मंत्रिमंडल में भी जगह मिल सकती है। फिलहाल उनके पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह केंद्र में मंत्री हैं। वे राज्यसभा के सदस्य हैं और इस्तीफा दे चुके हैं। यूपीएससी क्लियर करने के बाद बृजेंद्र सिंह सबसे पहले नारनौल में एसडीएम के तौर नियुक्त हुए। इसके बाद सिरसा में एडीसी रहे।
पंचकूला, फरीदाबाद, चंडीगढ़ में डीसी रहे। हुडा के मुख्य प्रशासक और हैफेड के एमडी रहे हैं। ऐसे में प्रशासनिक कामकाज का उनके पास लंबा अनुभव हैं। बृजेंद्र हरियाणा कैडर के 1998 बैच के आईएएस हैं। दिल्ली में पढ़ाई करने वाले बृजेंद्र सिंह का जन्म 13 मई 1972 को हुआ।
चार साल दादी के पास रोहतक में, छठी से आठवीं तक चंडीगढ़, नौवीं से बारहवीं तक दिल्ली के 12 खंभा रोड स्थित मॉडर्न स्कूल में पढ़े। बृजेंद्र सिंह जेएनयू दिल्ली से इतिहास में एमए की। बृजेंद्र सिंह ने बीए ऑनर्स (हिस्ट्री) सेंट स्टेफन कॉलेज दिल्ली से की। इस कॉलेज से सर छोटूराम एवं बृजेंद्र सिंह के दादा ने की राम ने शिक्षा ग्रहण की थी।
शीर्ष राजनीति में हुई दो पीढ़ी
बृजेंद्र सिंह के राजनीति में आने से उनकी दो पीढ़ी शीर्ष राजनीति में आ गई है। बृजेंद्र सिंह के पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह हालांकि फिलहाल भाजपा में हैं, लेकिन वे कांग्रेस में दिग्गज नेता रहे हैं। कई प्रदेशों प्रभारी रहे और चुनाव की कमान भी संभाल चुके हैं।
वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सबसे करीबी नेताओं में रहे हैं। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में बृजेंद्र सिंह की मां प्रेमलता ने उचाना कलां विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। जींद जिला की पांच विधानसभाओं में वे भाजपा की अकेली विधायक हैं। अब बृजेंद्र सिंह भी नेता बन गए हैं।
राजनीतिक परिवार से आने वाले आईएएस अधिकारी बृजेंद्र सिंह ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से जीत हासिल कर बांगर में भाजपा का कमल खिला दिया है। पहली बार लोकसभा चुनाव में भाजपा हिसार सीट पर जीत दर्ज की है। जींद जिले का महज एक विधानसभा क्षेत्र हिसार लोकसभा क्षेत्र में होने के बावजूद जींद के उम्मीदवार को जीत हासिल हुई है।
इसके साथ ही बृजेंद्र सिंह ने राजनीति की पहली ही परीक्षा में पास हो गए हैं। इससे पहले 1998 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा पास की थी। आईएएस की परीक्षा में नौवां स्थान हासिल करने वाले बृजेंद्र सिंह ने चुनावी परीक्षा में भी पुराने किलों को ध्वस्त करते हुए शानदार जीत हासिल की है। बृजेंद्र सिंह का सिविल सेवा के क्षेत्र में काम करने का लंबा अनुभव है।
ऐसे में उनके समर्थकों का मानना है कि इस अनुभव के आधार पर उन्हें मंत्रिमंडल में भी जगह मिल सकती है। फिलहाल उनके पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह केंद्र में मंत्री हैं। वे राज्यसभा के सदस्य हैं और इस्तीफा दे चुके हैं। यूपीएससी क्लियर करने के बाद बृजेंद्र सिंह सबसे पहले नारनौल में एसडीएम के तौर नियुक्त हुए। इसके बाद सिरसा में एडीसी रहे।
बृजेंद्र सिंह
- फोटो : अमर उजाला
पंचकूला, फरीदाबाद, चंडीगढ़ में डीसी रहे। हुडा के मुख्य प्रशासक और हैफेड के एमडी रहे हैं। ऐसे में प्रशासनिक कामकाज का उनके पास लंबा अनुभव हैं। बृजेंद्र हरियाणा कैडर के 1998 बैच के आईएएस हैं। दिल्ली में पढ़ाई करने वाले बृजेंद्र सिंह का जन्म 13 मई 1972 को हुआ।
चार साल दादी के पास रोहतक में, छठी से आठवीं तक चंडीगढ़, नौवीं से बारहवीं तक दिल्ली के 12 खंभा रोड स्थित मॉडर्न स्कूल में पढ़े। बृजेंद्र सिंह जेएनयू दिल्ली से इतिहास में एमए की। बृजेंद्र सिंह ने बीए ऑनर्स (हिस्ट्री) सेंट स्टेफन कॉलेज दिल्ली से की। इस कॉलेज से सर छोटूराम एवं बृजेंद्र सिंह के दादा ने की राम ने शिक्षा ग्रहण की थी।
शीर्ष राजनीति में हुई दो पीढ़ी
बृजेंद्र सिंह के राजनीति में आने से उनकी दो पीढ़ी शीर्ष राजनीति में आ गई है। बृजेंद्र सिंह के पिता चौधरी बीरेंद्र सिंह हालांकि फिलहाल भाजपा में हैं, लेकिन वे कांग्रेस में दिग्गज नेता रहे हैं। कई प्रदेशों प्रभारी रहे और चुनाव की कमान भी संभाल चुके हैं।
वे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सबसे करीबी नेताओं में रहे हैं। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में बृजेंद्र सिंह की मां प्रेमलता ने उचाना कलां विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता। जींद जिला की पांच विधानसभाओं में वे भाजपा की अकेली विधायक हैं। अब बृजेंद्र सिंह भी नेता बन गए हैं।