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डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी का विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर तमाम गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों और सिख संगठनों के नुमाइंदों की बैठक हुई। इसमें डेरा प्रमुख संबंधी फैसले पर तीखा रोष जताया गया। एसजीपीसी मेंबर हरदीप सिंह की अगुवाई में हुई मीटिंग में 12 कमेटियों ने जत्थेदारों के बायकॉट का ऐलान कर दिया।
हरदीप सिंह ने कहा कि ज्ञानी गुरबचन सिंह और उनके साथी जत्थेदारों ने सियासी प्रभाव में पंथक हितों के खिलाफ कार्रवाई की। अब इन सरकारी जत्थेदारों को गुरुद्वारों की स्टेज पर नहीं बुलाया जाएगा। न ही संगत इनके फैसले मानने के लिए पाबंद होंगी।
काफी विचार के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है कि ये लोग सिख कौम के नहीं, बल्कि सीएम प्रकाश सिंह बादल और एसजीपीसी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ के जत्थेदार हैं। इनके फैसले पंथक भावनाओं की पूर्ति करने के बजाय पंथ विरोधी शक्तियों को बल देते हैं। ऐसे कारनामों ने सिख कौम को पूरी तरह खोखला कर दिया है। सिरसा डेरे के प्रमुख संबंधी ताजा फैसले के बाद जत्थेदार सारे सिख जगत में बेपर्दा हो गए हैं।
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने श्री अकाल तख्त से पांच सिंह साहिबान की ओर से डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी दिए जाने की आलोचना की है। साथ ही उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधकों को भी आड़े हाथों लिया है। प्रेस विज्ञप्ति में परमजीत सिंह सरना ने कहा कि राम रहीम के कारनामे न तो माफी के काबिल है और जत्थेदारों को कोई अधिकार नहीं है कि वह बिना किसी से सलाह मशवरा किये माफी दें। उन्होंने कहा कि वह जत्थेदार अकाल तख्त ज्ञानी गुरबचन सिंह से फोन पर बातचीत करके अपना रोष प्रगट कर चुके हैं।
सवाल उठाना जायज नहीं
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान प्रोफेसर किरपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि डेरा सिरसा प्रमुख संत राम रहीम को माफी देने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले पर सवाल उठाना जायज नहीं है। क्योंकि सिंह साहिब का हुक्मनामा इलाही फरमान है। वैसे भी माफी देना सिख परंपरा का हिस्सा है। इस फैसले से पंजाब के सामाजिक हालातों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही सिख भाईचारे व डेरा श्रद्धालुओं के बीच पैदा तनाव को खत्म करने में मदद मिलेगी।
वह गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में आयोजित जिले की एसजीपीसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला अकाली दल महासचिव एवं प्रमुख प्रवक्ता नरदेव सिंह आकड़ी ने कहा कि डेरा प्रमुख की ओर से सिखों के खिलाफ केस वापस लेने की अपने श्रद्धालुओं को दी हिदायत भी सराहनीय है।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को माफी का विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर तमाम गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों और सिख संगठनों के नुमाइंदों की बैठक हुई। इसमें डेरा प्रमुख संबंधी फैसले पर तीखा रोष जताया गया। एसजीपीसी मेंबर हरदीप सिंह की अगुवाई में हुई मीटिंग में 12 कमेटियों ने जत्थेदारों के बायकॉट का ऐलान कर दिया।
हरदीप सिंह ने कहा कि ज्ञानी गुरबचन सिंह और उनके साथी जत्थेदारों ने सियासी प्रभाव में पंथक हितों के खिलाफ कार्रवाई की। अब इन सरकारी जत्थेदारों को गुरुद्वारों की स्टेज पर नहीं बुलाया जाएगा। न ही संगत इनके फैसले मानने के लिए पाबंद होंगी।
काफी विचार के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है कि ये लोग सिख कौम के नहीं, बल्कि सीएम प्रकाश सिंह बादल और एसजीपीसी प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ के जत्थेदार हैं। इनके फैसले पंथक भावनाओं की पूर्ति करने के बजाय पंथ विरोधी शक्तियों को बल देते हैं। ऐसे कारनामों ने सिख कौम को पूरी तरह खोखला कर दिया है। सिरसा डेरे के प्रमुख संबंधी ताजा फैसले के बाद जत्थेदार सारे सिख जगत में बेपर्दा हो गए हैं।
डेरा प्रमुख के कारनामे माफी के लायक नहीं
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने श्री अकाल तख्त से पांच सिंह साहिबान की ओर से डेरा सच्चा सौदा के मुखी राम रहीम को माफी दिए जाने की आलोचना की है। साथ ही उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधकों को भी आड़े हाथों लिया है। प्रेस विज्ञप्ति में परमजीत सिंह सरना ने कहा कि राम रहीम के कारनामे न तो माफी के काबिल है और जत्थेदारों को कोई अधिकार नहीं है कि वह बिना किसी से सलाह मशवरा किये माफी दें। उन्होंने कहा कि वह जत्थेदार अकाल तख्त ज्ञानी गुरबचन सिंह से फोन पर बातचीत करके अपना रोष प्रगट कर चुके हैं।
सवाल उठाना जायज नहीं
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान प्रोफेसर किरपाल सिंह बडूंगर ने कहा कि डेरा सिरसा प्रमुख संत राम रहीम को माफी देने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले पर सवाल उठाना जायज नहीं है। क्योंकि सिंह साहिब का हुक्मनामा इलाही फरमान है। वैसे भी माफी देना सिख परंपरा का हिस्सा है। इस फैसले से पंजाब के सामाजिक हालातों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। साथ ही सिख भाईचारे व डेरा श्रद्धालुओं के बीच पैदा तनाव को खत्म करने में मदद मिलेगी।
वह गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में आयोजित जिले की एसजीपीसी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिला अकाली दल महासचिव एवं प्रमुख प्रवक्ता नरदेव सिंह आकड़ी ने कहा कि डेरा प्रमुख की ओर से सिखों के खिलाफ केस वापस लेने की अपने श्रद्धालुओं को दी हिदायत भी सराहनीय है।