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आतंकी खतरे और अन्य किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने केलिए डीसी ने 144 सीआरपीसी के तहत साइबर कैफे, इमीग्रेशन कंपनियों, पीजी और होम सर्वेंट के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।
ये आदेश 15 दिसंबर 2016 से 2 फरवरी 2017 तक जारी रहेंगे। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कम डीसी अजीत बालाजी जोशी ने सभी शहरवासियों को चौकसी बरतने की नसीहत दी है। खासकर साइबर कैफे, इमीग्रेशन कंपनियों, पीजी और होम सर्वेंट या हेल्पर केमामले में जांच परख करने केआदेश दिए हैं।
डीसी ने कहा कि बिना जान पहचान के किसी भी व्यक्ति को कैफे इस्तेमाल करने, पीजी देने और नौकर रखने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। कैफे संचालक को यूजर की पहचान रजिस्टर में दर्ज करनी होगी। यूजर को अपने हाथों से अपना नाम, पता, फोन नंबर और आईडी प्रूफ रजिस्टर में दर्ज करना होगा। कंप्यूटर पर देखे गए डाटा का रिकॉर्ड भी रखना होगा। अगर यूजर पर जरा भी किसी बात को लेकर शक होता है तो जानकारी पुलिस को देनी होगी।
इसके अलावा कंसल्टेंसी केनाम पर बिना लाइसेंस इमीग्रेशन का काम करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। कंसल्टेंसी शुरू करने से पहले संचालक को सात दिन केअंदर पुलिस को सूचना देनी होगी। चंडीगढ़ में रहने वाले बाहरी लोगों को पीजी या घर किराये पर देने केमामले में भी जानकारी पुलिस को देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर पीजी संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
साथ ही घर में नौकर या हेल्पर रखने पर भी उसकी पूरी जानकारी पुलिस को देनी होगी। जोशी ने कहा कि इसकेलिए अधिकारी बीच-बीच में औचक निरीक्षण भी करेंगे। सार्वजनिक स्थान या पब्लिक के बीच में किसी भी तरह के हथियार को लहराना भी कानून अपराध की श्रेणी में है। ऐसा करने वाले की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही शहर में कहीं भी धरना प्रदर्शन करना भी गैरकानूनी होगा। धरने-प्रदर्शन और रैली के लिए सेक्टर-25 रैली ग्राउंड निर्धारित किया गया है।
बिना रिकॉर्ड सेना-पुलिस की वर्दी बेचने पर मनाही
डीसी ने अपने आदेशों में कहा कि कई मामलों में आतंकी सेना की वर्दी का इस्तेमाल करते मिले हैं। इसको देखते हुए उन्होंने सेना, पैरामिलिट्री फोर्सेस और पुलिस की वर्दी और लोगो इत्यादि बेचने से पहले उक्त व्यक्ति का आईकार्ड और पूरा रिकॉर्ड लेने के आदेश दिए हैं। ताकि इन चीजों का कोई गलत इस्तेमाल न कर सके।
आतंकी खतरे और अन्य किसी भी तरह की अप्रिय घटना से निपटने केलिए डीसी ने 144 सीआरपीसी के तहत साइबर कैफे, इमीग्रेशन कंपनियों, पीजी और होम सर्वेंट के लिए सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं।
ये आदेश 15 दिसंबर 2016 से 2 फरवरी 2017 तक जारी रहेंगे। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कम डीसी अजीत बालाजी जोशी ने सभी शहरवासियों को चौकसी बरतने की नसीहत दी है। खासकर साइबर कैफे, इमीग्रेशन कंपनियों, पीजी और होम सर्वेंट या हेल्पर केमामले में जांच परख करने केआदेश दिए हैं।
डीसी ने कहा कि बिना जान पहचान के किसी भी व्यक्ति को कैफे इस्तेमाल करने, पीजी देने और नौकर रखने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। कैफे संचालक को यूजर की पहचान रजिस्टर में दर्ज करनी होगी। यूजर को अपने हाथों से अपना नाम, पता, फोन नंबर और आईडी प्रूफ रजिस्टर में दर्ज करना होगा। कंप्यूटर पर देखे गए डाटा का रिकॉर्ड भी रखना होगा। अगर यूजर पर जरा भी किसी बात को लेकर शक होता है तो जानकारी पुलिस को देनी होगी।
बिना रिकॉर्ड सेना-पुलिस की वर्दी बेचने पर मनाही
चंडीगढ़ पुलिस
- फोटो : file photo
इसके अलावा कंसल्टेंसी केनाम पर बिना लाइसेंस इमीग्रेशन का काम करने वालों पर भी कार्रवाई होगी। कंसल्टेंसी शुरू करने से पहले संचालक को सात दिन केअंदर पुलिस को सूचना देनी होगी। चंडीगढ़ में रहने वाले बाहरी लोगों को पीजी या घर किराये पर देने केमामले में भी जानकारी पुलिस को देनी होगी। ऐसा नहीं करने पर पीजी संचालक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
साथ ही घर में नौकर या हेल्पर रखने पर भी उसकी पूरी जानकारी पुलिस को देनी होगी। जोशी ने कहा कि इसकेलिए अधिकारी बीच-बीच में औचक निरीक्षण भी करेंगे। सार्वजनिक स्थान या पब्लिक के बीच में किसी भी तरह के हथियार को लहराना भी कानून अपराध की श्रेणी में है। ऐसा करने वाले की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही शहर में कहीं भी धरना प्रदर्शन करना भी गैरकानूनी होगा। धरने-प्रदर्शन और रैली के लिए सेक्टर-25 रैली ग्राउंड निर्धारित किया गया है।
बिना रिकॉर्ड सेना-पुलिस की वर्दी बेचने पर मनाही
डीसी ने अपने आदेशों में कहा कि कई मामलों में आतंकी सेना की वर्दी का इस्तेमाल करते मिले हैं। इसको देखते हुए उन्होंने सेना, पैरामिलिट्री फोर्सेस और पुलिस की वर्दी और लोगो इत्यादि बेचने से पहले उक्त व्यक्ति का आईकार्ड और पूरा रिकॉर्ड लेने के आदेश दिए हैं। ताकि इन चीजों का कोई गलत इस्तेमाल न कर सके।