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supreme court judge sanjay karol refused hearing on caste census in bihar government to quash high court order
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Bihar Caste Census : आज होगी सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई, जस्टिस अभय ओक और जस्टिस राजेश बिंदल के कोर्ट में
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: आदित्य आनंद
Updated Thu, 18 May 2023 08:21 AM IST
Bihar : सुप्रीम कोर्ट के पास तीसरी बार यह केस पहुंच रहा है। पहले, दो बार बिहार में जातीय जनगणना को असंवैधानिक करार देने के लिए याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी। दोनों ही बार सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट का मसला करार दिया।
जातीय जन-गणना पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई। सुनवाई होने से पहले ही दो जजों की बेंच में एक जस्टिस संजय करोल ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। कहा गया कि जातीय जन-गणना केस में सुनवाई में जस्टिस करोल शामिल नहीं होंगे। अब गुरुवार को जस्टिस अभय ओक और जस्टिस राजेश बिंदल के कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी।
संजय करोल सुप्रीम कोर्ट के जज बनने से पहले पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। खुद को सुनवाई से अलग करके के पीछे उन्होंने कोई वजह नहीं बताई। बता दें कि वर्ष 1983 में वकालत शुरू करने वाले संजय करोल हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस, त्रिपुरा के चीफ जस्टिस और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था
इधर, पटना हाईकोर्ट ने 04 मई को अंतरिम फैसले में बिहार सरकार के तर्क को अस्वीकार किया था कि वह जाति आधारित गणना थी। पटना हाईकोर्ट ने 03 जुलाई को अगली तारीख देते हुए बिहार में जाति आधारित जनगणना पर अंतरिम रोक लगाई थी तो सरकार ने जल्द तारीख देने की अपील की। वह अपील भी बेकार गई तो हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले में अंतिम फैसले का लक्षण मानते हुए बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बुधवार को सुप्रीम अदालत में इसकी सुनवाई टल गई।
आज छह नंबर कोर्ट में 47वें नंबर पर इसकी सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पास तीसरी बार यह केस पहुंच रहा है। पहले, दो बार बिहार में जातीय जनगणना को असंवैधानिक करार देने के लिए याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी। दोनों ही बार सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट का मसला करार दिया। दोनों बार बिहार सरकार को राहत मिली, लेकिन जब पटना हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार के निर्णय के खिलाफ अंतरिम फैसला सुनाते हुए जुलाई की तारीख दे दी तो अब तीसरी बार यह केस सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। बुधवार को छह नंबर कोर्ट में 47वें नंबर पर इसकी सुनवाई होने वाली थी।
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