आगरा। खुशी-खुशी भाई को राखी बांधने गाजियाबाद से आई बहन की खुशियां पल-भर में काफूर हो गईं। विधाता ने किस्मत में ऐसा कुठाराघात लिखा कि जिस कलाई में वह राखी बांधने आई थी, वह मिली ही नहीं। बदहवास बहन पोस्टमार्टम हाउस पर लाशों में भाई की कलाई ढूंढती रही। भाई के न मिलने पर वह आंखों में आंसू और दिल में चुभन लिए पति के साथ वापस लौट गई।
दौनारी गांव, धौलपुर निवासी रामवती (50) पत्नी सुंदर सिंह अपने बेटे और पति के साथ गाजियाबाद में रहती है। उसका एक भाई रामफूल आगरा में ही रहता था। गुरुवार को रक्षाबंधन पर रामवती खुशी-खुशी अपने भाई को राखी बांधने गाजियाबाद से आई थी। सुबह वह भाई के बताए स्थान संजय प्लेस पहुंची तो उसके बारे में पता नहीं चल सका।
किसी ने बता दिया कि रामफूल का बुधवार देर रात एक्सीडेंट हो गया था। उसे एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया है। इतना सुनते ही उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। दोपहर करीब एक बजे वह इमरजेंसी पहुंची। यहां उसने वार्ड में भर्ती हर मरीज को देख लिया। मगर, उसका भाई नजर नहीं आया।
पुलिस चौकी पर किसी ने उसे बताया कि दुर्घटना में मृत व्यक्ति को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया जाता है। यह सुनने के बाद बहन का कलेजा ही बैठ गया। वह रोती बिलखती पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गई। उस वक्त वहां पर दो लाशें रखी थीं। उसने दोनों को देखा, लेकिन उसका भाई नहीं मिला।
अपने भाई की झलक पाने को रामवती आंसू बहाती रही। उसका कहना था कि भाई न जाने कहां चला गया। किसकी कलाई पर वह राखी बांधे और किसको घेवर खिलाए। भाई का सुराग न लगने पर वह हरीपर्वत थाने शिकायत लेकर पहुंची और शाम को पति के साथ वापस चली गई।