वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, संयुक्त राष्ट्र
Updated Thu, 02 Jul 2020 03:57 AM IST
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भारतीय मूल के दो कृषि विशेषज्ञों को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरस द्वारा स्थापित वैश्विक खाद्य शिखर सम्मेलन से पहले अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समूह में नामित किया गया है। इस समूह का उद्देश्य टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराना है। गुटेरस द्वारा नामित वैज्ञानिक समूह सदस्यों में प्रो. रतन लाल और डॉ. उमा लेले शामिल हैं।
यूएन प्रवक्ता के मुताबिक प्रो. रतन लाल ओहियो विश्वविद्यालय में हैं और डॉ. उमा लेले कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ‘आईएएई’ की अध्यक्ष हैं। संयुक्त राष्ट्र के महानिदेशक ने अगले साल वैश्विक खाद्य शिखर सम्मेलन से पहले इस समूह की स्थापना की है। प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक प्रो. लाल को प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए मिट्टी केंद्रित प्रणाली विकसित करने और उसे मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पिछले माह 2020 के विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वहीं लेले ऐली पहली महिला हैं जिन्हें कोरनेल विश्वविद्यालय द्वारा कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी उपाधि दी गई है। उन्हें जुलाई 2018 में अंतरराष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्रियों के संगठन का अध्यक्ष चुना गया था। लेले को विश्व बैंक समेत विश्व निकायों में अनुसंधान का पांच दशक का अनुभव है।
वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है मकसद
एंतोनियो गुटेरस संयुक्त राष्ट्र की रोम स्थित एजेंसियों के साथ साझेदारी में 2021 में खाद्य प्रणाली शिखर वार्ता बुलाएंगे जो सतत विकास लक्ष्यों और 2030 एजेंडा की पूर्ति के लिए ‘डिकेड ऑफ एक्शन’ में योगदान देगा। इसका मकसद खाद्य प्रणाली की चुनौतियों को समझने के लिए वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और पोषक भोजन उपलब्ध कराने हेतु अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को प्रेरित करना है।
भारतीय मूल के दो कृषि विशेषज्ञों को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरस द्वारा स्थापित वैश्विक खाद्य शिखर सम्मेलन से पहले अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समूह में नामित किया गया है। इस समूह का उद्देश्य टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराना है। गुटेरस द्वारा नामित वैज्ञानिक समूह सदस्यों में प्रो. रतन लाल और डॉ. उमा लेले शामिल हैं।
यूएन प्रवक्ता के मुताबिक प्रो. रतन लाल ओहियो विश्वविद्यालय में हैं और डॉ. उमा लेले कृषि अर्थशास्त्रियों के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन ‘आईएएई’ की अध्यक्ष हैं। संयुक्त राष्ट्र के महानिदेशक ने अगले साल वैश्विक खाद्य शिखर सम्मेलन से पहले इस समूह की स्थापना की है। प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक प्रो. लाल को प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए मिट्टी केंद्रित प्रणाली विकसित करने और उसे मुख्यधारा में शामिल करने के लिए पिछले माह 2020 के विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वहीं लेले ऐली पहली महिला हैं जिन्हें कोरनेल विश्वविद्यालय द्वारा कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी उपाधि दी गई है। उन्हें जुलाई 2018 में अंतरराष्ट्रीय कृषि अर्थशास्त्रियों के संगठन का अध्यक्ष चुना गया था। लेले को विश्व बैंक समेत विश्व निकायों में अनुसंधान का पांच दशक का अनुभव है।
वैश्विक जागरूकता बढ़ाना है मकसद
एंतोनियो गुटेरस संयुक्त राष्ट्र की रोम स्थित एजेंसियों के साथ साझेदारी में 2021 में खाद्य प्रणाली शिखर वार्ता बुलाएंगे जो सतत विकास लक्ष्यों और 2030 एजेंडा की पूर्ति के लिए ‘डिकेड ऑफ एक्शन’ में योगदान देगा। इसका मकसद खाद्य प्रणाली की चुनौतियों को समझने के लिए वैश्विक जागरूकता बढ़ाना और पोषक भोजन उपलब्ध कराने हेतु अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को प्रेरित करना है।