2150 फीट लंबा यह ब्रिज इंजीनियरिंग का एक नायाब नमूना है. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दिसंबर 1942 में जापान का एक बम इस ब्रिज से कुछ दूरी पर ही गिरा था, लेकिन यह ब्रिज तब भी ज्यों का त्यों ही खड़ा रहा, जैसे आज है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पहले हावड़ा व कोलकाता के बीच ठीक उसी जगह एक पीपे का पुल था।