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रीठा साहिब (चंपावत)। नैनीताल जिले से लगे लधिया घाटी क्षेत्र के कई लोग जमीन के मुआवजे के लिए आठ साल से तरस रहे हैं। सड़क बनने के बावजूद इन ग्रामीणों को सड़क में कटी जमीन की क्षतिपूर्ति नहीं मिल सकी है जबकि मुआवजे की रकम के लिए ग्रामीण विभाग से लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
चौड़ापित्ता से परेवा मोटर मार्ग की नौ किलोमीटर सड़क के लिए 2013 में 30 ग्रामीणों से नाप जमीन अधिग्रहित की गई थी। सड़क की खातिर ग्रामीणों ने अपनी उपजाऊ जमीन दे दी, लेकिन इसके बदले उन्हें मुआवजे की रकम नहीं मिल सकी, जबकि यह सड़क बनकर भी तैयार हो चुकी है और इस पर अब बाकायदा वाहन चलते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन देने के बाद से चार बार जमीन के सर्किल रेट बढ़ चुके हैं, इससे मुआवजा मिलने में जितनी देरी हो रही है, उतना ही उनका नुकसान भी बढ़ रहा है। वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लोहाघाट खंड के ईई अनूप कुमार का कहना है कि काफी समय पहले 103.04 लाख रुपये के मुआवजे की पत्रावली मुख्य अभियंता कार्यालय भेजी गई थी। इस पर कुछ आपत्तियां लगी थीं, उन्हें सुधार कर फिर से भेजा जा रहा है।
रीठा साहिब (चंपावत)। नैनीताल जिले से लगे लधिया घाटी क्षेत्र के कई लोग जमीन के मुआवजे के लिए आठ साल से तरस रहे हैं। सड़क बनने के बावजूद इन ग्रामीणों को सड़क में कटी जमीन की क्षतिपूर्ति नहीं मिल सकी है जबकि मुआवजे की रकम के लिए ग्रामीण विभाग से लेकर प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली है।
चौड़ापित्ता से परेवा मोटर मार्ग की नौ किलोमीटर सड़क के लिए 2013 में 30 ग्रामीणों से नाप जमीन अधिग्रहित की गई थी। सड़क की खातिर ग्रामीणों ने अपनी उपजाऊ जमीन दे दी, लेकिन इसके बदले उन्हें मुआवजे की रकम नहीं मिल सकी, जबकि यह सड़क बनकर भी तैयार हो चुकी है और इस पर अब बाकायदा वाहन चलते हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि जमीन देने के बाद से चार बार जमीन के सर्किल रेट बढ़ चुके हैं, इससे मुआवजा मिलने में जितनी देरी हो रही है, उतना ही उनका नुकसान भी बढ़ रहा है। वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना लोहाघाट खंड के ईई अनूप कुमार का कहना है कि काफी समय पहले 103.04 लाख रुपये के मुआवजे की पत्रावली मुख्य अभियंता कार्यालय भेजी गई थी। इस पर कुछ आपत्तियां लगी थीं, उन्हें सुधार कर फिर से भेजा जा रहा है।