कुंडा के तिहरे हत्या कांड के एक महीने पूरे हो गए। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) 25 दिनों से हत्याकांड की जांच कर रही है। हांलाकि अब तक इस मामले में एक भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
सीबीआई अब तक 100 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है।
गौरतलब है कि 2 मार्च को कुंडा सर्किल के क्षेत्राधिकारी जियाउल हक, प्रधान नन्हे यादव और उसके भाई सुरेश यादव की बलीपुर गांव में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने कुंडा के विधायक व राजा भैया पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था, जिसके बाद राजा भैया को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। राजनीतिक दबाव के कारण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 8 मार्च को वारदात की जांच सीबाआई को सौंप दी। सीबीआई की टीम इसके बाद से ही कुंडा में जमी हुई है।
हालांकि गहन पड़ताल के बाद सीबीआई कातिलों का सुराग नहीं ढूंढ पाई है।
सीओ की गायब पिस्टल सीबीआई की टीम वारदात की रात गायब हुई क्षेत्राधिकारी जिया उल हक की पिस्तौल बरामद कर चुकी है। हालांकि जिया का मोबाइल अब तक नहीं ढूंढ़ा नहीं जा सका है।
सीबीआई की टीम प्रधान के परिवार के सभी लाइसेंसी असलहों की बैलेस्टिक जांच भी करवा चुकी है लेकिन उससे भी किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची।
असलहों से फायरिंग की बात सामने आई लेकिन यह साफ नहीं हो सका कि प्रधान, उसका भाई और सीओ की हत्या कैसे हुई?
टीम के हाथ अब तक सीओ का मोबाइल नहीं मिल सका और न ही यह साफ हो सका कि सीओ की हत्या किस हथियार से की गई है।
टीम ने सीओ की पत्नी परवीन आजाद की तहरीर पर दर्ज मुकदमे के आधार पर कुंडा के चेयरमैन गुलशन यादव, राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम शंकर श्रीवास्तव, चालक रोहित से पूछताछ कर चुकी है।
राजा के रिश्तेदार और एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह से भी पूछताछ हो चुकी है।
राजा के इर्द गिर्द जांच 
फिलहाल सीबीआई की जांच राजा भैया के इर्द गिर्द ही घूम रही है। सीबीआई अब तक राजा भैया से मुखातिब नहीं हुई लेकिन जांच का दायरा उनके करीबियों पर ही टिका है।
मंगलवार को सीबीआई अफसरों ने राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम शंकर श्रीवास्तव और चालक रोहित सिंह से लंबी पूछताछ की।
कुंडा के तिहरे हत्या कांड में कब क्या हुआ- 2 मार्च, 2013: प्रतापगढ़ जिले के कुंडा के बलीपुर गांव में ग्राम प्रधान नन्हें यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिसके बाद हुई गोलीबारी में प्रधान के भाई सुरेश की भी मौत हो गई। दो हत्या और गांव में फायरिंग की खबर पाकर पहुंचे सीओ कुंडा जियाउल हक की भी हत्या।
3 मार्च, 2013: जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की तहरीर पर राजा भैया समेत उनके चार समर्थकों पर मुकदमा दर्ज । राजा भैया को साजिश (१२० बी) का आरोपी बनाया गया जबकि उनके प्रतिनिधि हरिओम, नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, चालक रोहित सिंह और गुड्डू सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया।
राजीव सिंह व गुड्ïडू सिंह गिरफ्तार। सरकार ने मारे गए सीओ के परिजनों को २० लाख रुपये मदद देने की घोषणा की। राज्य सरकार ने प्रतापगढ़ के एसपी अनिल राय को हटाकर डीजीपी मुख्यालय से संबद्घ कर दिया, देवरिया के एसपी एलआर कुमार को प्रतापगढ़ का एसपी बनाया गया।
4 मार्च, 2013 : मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शहीद सीओ जियाउल हक के गांव जुआफर पहुंचकर परिजनों को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने सीओ की पत्नी परवीन आजाद और पिता शमशुल हक को 25-25 लाख रुपए के चेक दिए। राज्य सरकार ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की घोषणा की।
मामले में नाम आने के बाद खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का मंत्रीपद से इस्तीफा
5 मार्च, 2013 : यूपी विधानसभा और संसद में हंगामा, कार्यवाही ठप राज्य सरकार ने मामले में दर्ज सभी चार मुकदमों की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की। हथिगंवा के एसओ मनोज शुक्ला निलंबित
7 मार्च, 2013: सीबीआई ने चार एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच पूरी तरह अपने हाथों में ली। इन एफआईआर में राजा भैया पर हत्या का मामला दर्ज किया गया। उनका नाम सीओ की पत्नी की शिकायत पर दर्ज चौथी एफआईआर में है।
सीबीआई ने पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी को ही अपनी एफआईआर (रेगुलर केस) का आधार बनाया। इन एफआईआर में राजा भैया सहित 18 लोगों को नामजद किया गया है।
8 मार्च, 2013: सीबीआई ने निलंबित पुलिसकर्मीयों से पूछताछ की।
11 मार्च, 2013 : सीबीआई ने दर्ज की गई चार एफआईआर लखनऊ स्थित कोर्ट में दाखिल की
12 मार्च, 2013: कुंडा के पास मणिकपुर में देर रात डीएसपी के नेतृत्व में बोलेरो से जा रही सीबीआई टीम पर पथराव किया गया, जिसमें बोलेरो क्षतिग्रस्त हो गई।
16 मार्च, 2013: जियाउल हक की पिस्टल घटनास्थल से कुछ कदम दूर पानी भरे गड्ïढ़े से बरामद