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पूरी दुनिया में फेसबुक के स्वामित्व वाले एप व्हाट्सएप के दो अरब से अधिक यूजर्स हैं, लेकिन WhatsApp ने नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी करके अपने यूजर्स को धर्मसंकट में डाल दिया है। यदि व्हाट्सएप के यूजर्स 8 फरवरी तक उसकी शर्तों को नहीं मानते हैं और उनका अकाउंट डिलीट हो जाएगा और शर्त मान लेते हैं तो उनका डाटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा।
WhatsApp की नई पॉलिसी में कहा गया है कि यूजर्स का डाटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा। अब फेसबुक इस डाटा का इस्तेमाल विज्ञापन में करेगा या किसी अन्य काम में, यह अभी राज ही है लेकिन एक्सपर्ट के मुताबिक फेसबुक, व्हाट्सएप यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए करेगा। नई पॉलिसी के आने के बाद व्हाट्सएप की आलोचना हो रही है और लोगों ने सिग्नल (Signal), टेलीग्राम (Telegram) जैसे विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं।
साइबर क्राइम और साइबर लॉ एक्सपर्ट के मुताबिक WhatsApp की नई पॉलिसी को स्वीकार करना खुद को आग के हवाले करने जैसा है। नई पॉलिसी पर ओके करते ही आपके डाटा, मोबाइल और कंप्यूटर पर व्हाट्सएप का अधिकार हो जाएगा और आप कानूनी रूप से भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।
व्हाट्सएप की नई सेवा शर्त पर साइबर एक्सपर्ट कर्णिका सेठ ने अमर उजाला से खास बातचीत में बताया कि व्हाट्सएप की नई सेवा शर्तें ऐसे समय में आई हैं जब भारत में डाटा प्रोटेक्शन को लेकर कोई कानून लागू ही नहीं हुआ है। यदि यूरोप की तरह भारत में डाटा प्रोटेक्शन कानून लागू होता तो व्हाट्सएप कम-से-कम भारतीय यूजर्स के लिए नई सेवा शर्त लागू करने की हिमाकत नहीं करता।
उन्होंने आगे बताया कि भारत में राइट टू प्राइवेसी तो है लेकिन उसे कैसे लागू किया जाए, इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके अलावा यूजर डाटा प्रोटेक्शन को लेकर भारत में कोई ऑथरिटी भी नहीं है जो फेसबुक जैसी टेक कंपनियों से यूजर्स के अधिकारों की बात करे और उनपर जुर्माना लगाए।
यदि आप व्हाट्सएप की नई सेवा शर्तों को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं तो आपको अपना डिलीट करना ही होगा। अकाउंट डिलीट करने से पहले अपने व्हाट्सएप डाटा का बैकअप ले लें और फिर अकाउंट डिलीट करके किसी अन्य एप को इस्तेमाल करने शुरू करें।
ये भी पढ़ें: गूगल पर लीक हुआ WhatsApp का प्राइवेट चैट, कोई भी पढ़ सकता है आपकी निजी बातें
बता दें कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के देशों के लिए इन कंपनियों की पॉलिसी अलग होती है। पिछले साल ही अमेरिका के 40 से अधिक राज्यों ने व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी फेसबुक के खिलाफ प्रतिस्पर्धारोधी कानून के तहत मुकदमा दायर किया है। मुकदमे में कहा गया है कि फेसबुक छोटी कंपनियों को खरीद लेती है और फिर बाजार में एकाधिकार जमाती है।
पहली बात तो यह कि व्हाट्सएप का डाटा सेंटर भारत में नहीं है। उसका डाटा सेंटर और मुख्यालय अमेरिका में है और व्हाट्सएप ने कहा भी है कि जरूरत पड़ने पर यूजर्स की जानकारियों को वहां ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा नई पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि कंपनी अपने यूजर्स का इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आईपी एड्रेस) फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी अन्य पार्टनर कंपनियों को दे सकता है। नई पॉलिसी के अनुसार भले ही आप व्हाट्सएप का लोकेशन इस्तेमाल ना करें, आपके आईपी एड्रेस, फोन नंबर, देश और शहर जैसी जानकारियां उसके पास होंगी।
ये भी पढ़ें: 16 तरह की जानकारियां लेता है WhatsApp, चैट का विज्ञापन में होगा इस्तेमाल, आसान भाषा में पढ़ें नई शर्तें
सबसे बड़ा खतरा पेमेंट को लेकर है। व्हाट्सएप ने हाल ही में दो करोड़ यूजर्स के लिए भारत में यूपीआई आधारित व्हाट्सएप पेमेंट सेवा शुरू की है। अब यदि आप व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस इस्तेमाल करते हैं तो आपको उसे अपने बैंक, ओटीपी आदि की भी जानकारी देनी होगी। नई शर्त के मुताबिक इन डाटा को भी वह पैरेंट कंपनी और पार्टनर कंपनी के साथ शेयर करेगा। ऐसे में आपके बैंकिंग डाटा के गलत इस्तेमाल की पूरी संभावना है।
व्हाट्सएप का दावा रहा है कि वह एंट-टू-एंट एंक्रिप्शन इस्तेमाल करता है यानी इसके जरिए भेजे जाने वाले मैसेज सिर्फ भेजने और प्राप्त करने वाले के बीच रहता है। सर्वर पर एंक्रिप्टेड रूप में डाटा स्टोर रहता है, लेकिन कई हैकिंग और डाटा लीक ने व्हाट्सएप के इस दावे को खोखला साबित कर दिया है। मई 2018 में अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस का व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो गया था। इसके अलावा पिगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारत समेत दुनिया के कई पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप अकाउंट की जासूसी हुई थी। दो बार तो व्हाट्सएप ग्रुप के इनवाइट लिंक गूगल सर्च में देखे गए हैं। बता दें कि व्हाट्सएप को टेलीग्राम के फाउंडर और पावेल दुराेव भी खतरनाक बता चुके हैं। वहीं टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी लोगों से सिग्नल एप इस्तेमाल करने को कहा है।
- 19 अरब डॉलर में 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को खरीद लिया था।
- 50 करोड़ वॉट्सएप अकाउंट रोज व्हाट्सएप स्टेटस फीचर का इस्तेमाल करते हैं
- 180 देशों और 60 भाषाओं में उपलब्ध है यह एप
- 2009 में व्हाट्सएप लॉन्च किया गया था।
- 65 अरब मैसेज रोज व्हाट्सएप से भेजे जाते हैं दुनिया में
- 9.6 करोड़ बार व्हाट्सएप डाउनलोड किया गया फरवरी 2020 में
- 40 करोड़ यूजर सर्वाधिक भारत में हैं वॉट्सएप के
- 2 अरब यूजर्स हैं दुनियाभर में
- नए साल की पूर्व संथ्या पर हर साल भेजे जाते हैं करीब दो अरब मैसेज
पूरी दुनिया में फेसबुक के स्वामित्व वाले एप व्हाट्सएप के दो अरब से अधिक यूजर्स हैं, लेकिन WhatsApp ने नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी करके अपने यूजर्स को धर्मसंकट में डाल दिया है। यदि व्हाट्सएप के यूजर्स 8 फरवरी तक उसकी शर्तों को नहीं मानते हैं और उनका अकाउंट डिलीट हो जाएगा और शर्त मान लेते हैं तो उनका डाटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा।
WhatsApp की नई पॉलिसी में कहा गया है कि यूजर्स का डाटा फेसबुक के साथ शेयर किया जाएगा। अब फेसबुक इस डाटा का इस्तेमाल विज्ञापन में करेगा या किसी अन्य काम में, यह अभी राज ही है लेकिन एक्सपर्ट के मुताबिक फेसबुक, व्हाट्सएप यूजर्स के डाटा का इस्तेमाल विज्ञापन के लिए करेगा। नई पॉलिसी के आने के बाद व्हाट्सएप की आलोचना हो रही है और लोगों ने सिग्नल (Signal), टेलीग्राम (Telegram) जैसे विकल्प तलाशने शुरू कर दिए हैं।
WhatsApp की नई पॉलिसी पर एक्सपर्ट की राय
Dr KARNIKA SETH, Cyberlaw expert
- फोटो : अमर उजाला
साइबर क्राइम और साइबर लॉ एक्सपर्ट के मुताबिक WhatsApp की नई पॉलिसी को स्वीकार करना खुद को आग के हवाले करने जैसा है। नई पॉलिसी पर ओके करते ही आपके डाटा, मोबाइल और कंप्यूटर पर व्हाट्सएप का अधिकार हो जाएगा और आप कानूनी रूप से भी उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाएंगे।
व्हाट्सएप की नई सेवा शर्त पर साइबर एक्सपर्ट कर्णिका सेठ ने अमर उजाला से खास बातचीत में बताया कि व्हाट्सएप की नई सेवा शर्तें ऐसे समय में आई हैं जब भारत में डाटा प्रोटेक्शन को लेकर कोई कानून लागू ही नहीं हुआ है। यदि यूरोप की तरह भारत में डाटा प्रोटेक्शन कानून लागू होता तो व्हाट्सएप कम-से-कम भारतीय यूजर्स के लिए नई सेवा शर्त लागू करने की हिमाकत नहीं करता।
उन्होंने आगे बताया कि भारत में राइट टू प्राइवेसी तो है लेकिन उसे कैसे लागू किया जाए, इस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इसके अलावा यूजर डाटा प्रोटेक्शन को लेकर भारत में कोई ऑथरिटी भी नहीं है जो फेसबुक जैसी टेक कंपनियों से यूजर्स के अधिकारों की बात करे और उनपर जुर्माना लगाए।
यदि आप व्हाट्सएप की नई सेवा शर्तों को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं तो आपको अपना डिलीट करना ही होगा। अकाउंट डिलीट करने से पहले अपने व्हाट्सएप डाटा का बैकअप ले लें और फिर अकाउंट डिलीट करके किसी अन्य एप को इस्तेमाल करने शुरू करें।
ये भी पढ़ें: गूगल पर लीक हुआ WhatsApp का प्राइवेट चैट, कोई भी पढ़ सकता है आपकी निजी बातें
बता दें कि अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के देशों के लिए इन कंपनियों की पॉलिसी अलग होती है। पिछले साल ही अमेरिका के 40 से अधिक राज्यों ने व्हाट्सएप की पैरेंट कंपनी फेसबुक के खिलाफ प्रतिस्पर्धारोधी कानून के तहत मुकदमा दायर किया है। मुकदमे में कहा गया है कि फेसबुक छोटी कंपनियों को खरीद लेती है और फिर बाजार में एकाधिकार जमाती है।
नई पॉलिसी के खतरे क्या हैं?
whatsapp new terms and conditions
- फोटो : अमर उजाला
पहली बात तो यह कि व्हाट्सएप का डाटा सेंटर भारत में नहीं है। उसका डाटा सेंटर और मुख्यालय अमेरिका में है और व्हाट्सएप ने कहा भी है कि जरूरत पड़ने पर यूजर्स की जानकारियों को वहां ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा नई पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि कंपनी अपने यूजर्स का इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (आईपी एड्रेस) फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी अन्य पार्टनर कंपनियों को दे सकता है। नई पॉलिसी के अनुसार भले ही आप व्हाट्सएप का लोकेशन इस्तेमाल ना करें, आपके आईपी एड्रेस, फोन नंबर, देश और शहर जैसी जानकारियां उसके पास होंगी।
ये भी पढ़ें: 16 तरह की जानकारियां लेता है WhatsApp, चैट का विज्ञापन में होगा इस्तेमाल, आसान भाषा में पढ़ें नई शर्तें
सबसे बड़ा खतरा पेमेंट को लेकर है। व्हाट्सएप ने हाल ही में दो करोड़ यूजर्स के लिए भारत में यूपीआई आधारित व्हाट्सएप पेमेंट सेवा शुरू की है। अब यदि आप व्हाट्सएप की पेमेंट सर्विस इस्तेमाल करते हैं तो आपको उसे अपने बैंक, ओटीपी आदि की भी जानकारी देनी होगी। नई शर्त के मुताबिक इन डाटा को भी वह पैरेंट कंपनी और पार्टनर कंपनी के साथ शेयर करेगा। ऐसे में आपके बैंकिंग डाटा के गलत इस्तेमाल की पूरी संभावना है।
व्हाट्सएप का विवादों से पुराना नाता
whatsapp pegasus attack
- फोटो : youtube
व्हाट्सएप का दावा रहा है कि वह एंट-टू-एंट एंक्रिप्शन इस्तेमाल करता है यानी इसके जरिए भेजे जाने वाले मैसेज सिर्फ भेजने और प्राप्त करने वाले के बीच रहता है। सर्वर पर एंक्रिप्टेड रूप में डाटा स्टोर रहता है, लेकिन कई हैकिंग और डाटा लीक ने व्हाट्सएप के इस दावे को खोखला साबित कर दिया है। मई 2018 में अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस का व्हाट्सएप अकाउंट हैक हो गया था। इसके अलावा पिगासस सॉफ्टवेयर के जरिए भारत समेत दुनिया के कई पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के व्हाट्सएप अकाउंट की जासूसी हुई थी। दो बार तो व्हाट्सएप ग्रुप के इनवाइट लिंक गूगल सर्च में देखे गए हैं। बता दें कि व्हाट्सएप को टेलीग्राम के फाउंडर और पावेल दुराेव भी खतरनाक बता चुके हैं। वहीं टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने भी लोगों से सिग्नल एप इस्तेमाल करने को कहा है।
व्हाट्सएप से जुड़े प्रमुख आंकड़े
Whatsapp payment
- फोटो : facebook
- 19 अरब डॉलर में 2014 में फेसबुक ने व्हाट्सएप को खरीद लिया था।
- 50 करोड़ वॉट्सएप अकाउंट रोज व्हाट्सएप स्टेटस फीचर का इस्तेमाल करते हैं
- 180 देशों और 60 भाषाओं में उपलब्ध है यह एप
- 2009 में व्हाट्सएप लॉन्च किया गया था।
- 65 अरब मैसेज रोज व्हाट्सएप से भेजे जाते हैं दुनिया में
- 9.6 करोड़ बार व्हाट्सएप डाउनलोड किया गया फरवरी 2020 में
- 40 करोड़ यूजर सर्वाधिक भारत में हैं वॉट्सएप के
- 2 अरब यूजर्स हैं दुनियाभर में
- नए साल की पूर्व संथ्या पर हर साल भेजे जाते हैं करीब दो अरब मैसेज