गूगल अपना नया वीडियो चैटिंग ऐप लेकर आया है जिसका नाम डुओ। माना जा रहा है कि गूगल ये ऐप वीडियो कॉल करने के अन्य विकल्पों यानी एप्पल के फ़ेस टाइम, माइक्रोसोफ्ट के स्काइप और फ़ेसबुक के मैसेंजर को टक्कर देने के लिए लाया है।
हालांकि ये अन्य वीडियो चैंटिग ऐप्स से अलग नहीं है लेकिन इसमें एक सुविधा है कि इसमें कॉलर की झलक दिखती है। इस तरह कॉल लेने वाला व्यक्ति फ़ैसला कर सकता है कि वो कॉल ले या न ले।
गूगल का कहना है कि इस फीचर का नाम ''नॉक नॉक'' है। इस नए ऐप की घोषणा मई में की गई थी और ये मुफ़्त सुविधा गूगल एंड्ररॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे फ़ोन और ऐपल के आईफ़ोन में होगी।
फ़ेसटाइम की तरह डुओ में किसी व्यक्ति से संपर्क करने के लिए उसके नंबर की ज़रुरत होगी।
गूगल साल 2013 से हैंगआउट के ज़रिए वीडियो कॉलिंग की सुविधा दे रहा है लेकिन अब कंपनी इसे बिजनेस मीटिंग्स के लिए सुविधा के तौर पर बढ़ावा देना चाहता है।
गूगला का दावा है कि ये ज्यादा भरोसेमंद होने के साथ साथ आसान भी है और दोस्त और परिवारवाले बात करते वक्त एक दूसरे को देख सकते हैं।
वहीं गूगल एक और ऐप लाने वाला है जो मैसेंजिंग ऐप होगा। अमरीकी कंपनी का कहना है कि इस ऐप का नाम एलोफीचरिंग है जो संदेशों का जवाब ऑटोमेटिड दे सकेगा यानी वो सुझाव दे सकेगा कि किस संदेश पर क्या जवाब दिया जाना चाहिए।
गूगल अपना नया वीडियो चैटिंग ऐप लेकर आया है जिसका नाम डुओ। माना जा रहा है कि गूगल ये ऐप वीडियो कॉल करने के अन्य विकल्पों यानी एप्पल के फ़ेस टाइम, माइक्रोसोफ्ट के स्काइप और फ़ेसबुक के मैसेंजर को टक्कर देने के लिए लाया है।
हालांकि ये अन्य वीडियो चैंटिग ऐप्स से अलग नहीं है लेकिन इसमें एक सुविधा है कि इसमें कॉलर की झलक दिखती है। इस तरह कॉल लेने वाला व्यक्ति फ़ैसला कर सकता है कि वो कॉल ले या न ले।
गूगल का कहना है कि इस फीचर का नाम ''नॉक नॉक'' है। इस नए ऐप की घोषणा मई में की गई थी और ये मुफ़्त सुविधा गूगल एंड्ररॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे फ़ोन और ऐपल के आईफ़ोन में होगी।
फ़ेसटाइम की तरह डुओ में किसी व्यक्ति से संपर्क करने के लिए उसके नंबर की ज़रुरत होगी।