Magh Maas 2022: हिन्दू कैलेंडर में भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह 12 महीने होते हैं। महीने में दो पखवाड़े 15-15 दिन के होते है, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। कृष्ण पक्ष के बाद अमावस्या आती है और शुक्लपक्ष के बाद पूर्णिमा। हर महीने का अपना एक महत्व है, और सभी महीने के अपने त्यौहार और पर्व है। हिन्दी कैलंडर के अनुसार माघ का महीना ग्यारहवां महीना होता है। माघ मास की पूर्णिमा को चंद्रमा मघा व अश्लेशा नक्षत्र में रहता है इसलिए इस मास को माघ मास कहा जाता है। माघ मास आज यानि 18 जनवरी 2022 से आरंभ हो गया है । माघ मास की समाप्ति 16 फरवरी को होगी। आइए जानते हैं माघ मास का महत्व और उपाय के बारे में।
माघ मास का महत्व
माघ मास को लेकर एक पौराणिक कथा भी जुड़ी है। पौराणिक कथा के अनुसार माघ मास में गौतमऋषि ने इन्द्रेदव का श्राप दिया था। क्षमा याचना करने के बाद उन्हें गौतम ऋषि ने माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने को कहा। तब इन्द्रदेव माघ मास में गंगा स्नान किया था, जिसके फलस्वरूप इन्द्रदेव श्राप से मुक्ति मिली थी। इसलिए इस महीनें में माघी पूर्णिमा व माघी अमावस्या के दिन का स्नान पवित्र माना जाता है।
सुख शांति और समृद्धि के लिए पूजा
- नित्य प्रातः श्रीकृष्ण को पीले फूल और पंचामृत अर्पित करें।
- इसके बाद "मधुराष्टक" का पाठ करें या निम्न मंत्र का जाप करें- "श्री माधव दया सिंधो भक्तकामप्रवर्षण। माघ स्नानव्रतं मेऽद्य सफलं कुरु ते नमः॥"
- नित्य किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं।
- यदि संभव हो तो एक ही समय भोजन करें।
- माघ में खान-पान में बदलाव गर्म पानी को धीरे-धीरे छोड़कर सामान्य जल से स्नान करना शुरू करें।
- सुबह देर तक सोना तथा स्नान न करना अब स्वास्थ्य के लिए उत्तम नहीं होगा।
- इस महीने से भारी भोजन छोड़कर हलके भोजन आरंभ करें।
- माघ मास में तिल और गुड़ का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है।
माघ मास में करें ये उपाय
माघ मास में नीचे दिए गए उपायों को अवश्य करें-
सूर्य को अर्घ्य दें
माघ मास में रोज नदी में स्नान करने के बाद ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य अर्पित करें। सूर्य को जल चढ़ाने के बाद किसी मंदिर में शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। बिल्व पत्र और धूतरा चढ़ाएं, चंदन का तिलक करें। मिठाई का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
भगवान कृष्ण का अभिषेक करें
माघ मास में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक जरूर करें। इसके लिए दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और शंख से भगवान का अभिषेक करें। भगवान को पीले चमकीले वस्त्र चढ़ाएं। तुलसी के साथ दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। पूजा में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय और कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।
जरूरतमंदों को दान करें
माघ मास में जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल, कंबल और अनाज का दान जरूर करें। यदि संभव हो तो गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
विस्तार
Magh Maas 2022: हिन्दू कैलेंडर में भी अंग्रेजी कैलेंडर की तरह 12 महीने होते हैं। महीने में दो पखवाड़े 15-15 दिन के होते है, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष। कृष्ण पक्ष के बाद अमावस्या आती है और शुक्लपक्ष के बाद पूर्णिमा। हर महीने का अपना एक महत्व है, और सभी महीने के अपने त्यौहार और पर्व है। हिन्दी कैलंडर के अनुसार माघ का महीना ग्यारहवां महीना होता है। माघ मास की पूर्णिमा को चंद्रमा मघा व अश्लेशा नक्षत्र में रहता है इसलिए इस मास को माघ मास कहा जाता है। माघ मास आज यानि 18 जनवरी 2022 से आरंभ हो गया है । माघ मास की समाप्ति 16 फरवरी को होगी। आइए जानते हैं माघ मास का महत्व और उपाय के बारे में।