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slum dwellers act himachal pradesh: Slum dwellers will get ownership of two biswa land in himachal pradesh
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स्लम डेवेलर्ज विधेयक: झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को मिलेगा दो बिस्वा जमीन का मालिकाना हक
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: अरविन्द ठाकुर
Updated Wed, 16 Mar 2022 07:07 PM IST
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि स्लम डेवेलर्ज विधेयक का मुख्य उद्देश्य झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को संपत्ति का अधिकार देना है।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज (फाइल फोटो)
- फोटो : अमर उजाला
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हिमाचल प्रदेश में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को दो बिस्वा जमीन का मालिकाना हक मिलेगा। कमजोर वर्गों को यह अधिकार निशुल्क मिलेगा, जबकि अन्य लोगों को कुछ राशि खर्च करनी होगी। सरकार के इस फैसले का हिमाचल में हजारों लोगों को फायदा होगा। शहरी विकास विभाग ने स्लम डेवेलर्ज विधेयक में यह भी तय किया है कि इन लोगों के लिए कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएं देने के लिए शहरी निकायों में नगरपालिका विकास निधि का प्रावधान किया जाएगा।
इसमें प्रदेश सरकार की ओर से विकास कार्यों के लिए फंड जारी किया जाएगा। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों से एकत्र राशि भी इसी फंड में डाली जाएगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस बिल का मुख्य उद्देश्य झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को संपत्ति का अधिकार देना है। शहरी क्षेत्रों में उन लोगों को राहत दी जा रही है, जो अन्य लोगों के लिए अपनी सेवाएं देते रहे हैं। इनके खुद की झोपड़ियों में बिजली और पानी तक की व्यवस्था नहीं है।
इसका लाभ शिमला शहर ही नहीं, बल्कि अन्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में इस विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। अब इसे स्वीकृति के लिए राज्यपाल को भेजा जाना है। इसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की जाएगी। शहरी क्षेत्रों में बीपीएल और कमजोर वर्ग के लोगों को यह अधिकार निशुल्क मिलेगा, जबकि अन्य लोगों को मालिकाना हक देने के लिए कुछ फीस तय की जानी है। इसके लिए सरकार की ओर से नियम बनाए जाएंगे।
काम करने के तरीकों में बदलाव करें सहकारी बैंक: भारद्वाज
शहरी विकास और सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बुधवार को सचिवालय में सहकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा की। सहकारिता मंत्री ने बैंकों को व्यावसायिकता से काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों के काम पर पैनी नजर बनाई हुई है। ऐसे में सहकारी बैंकों को भी अपने काम करने के तौर तरीकों में बदलाव करना होगा। सहकारिता मंत्री ने कहा कि सहकारी बैंक अपने आप में एक सहकारी संस्था है।
इनका कर्तव्य बनता है की सहकारी सभाओं को सहयोग करें। उन्होंने कहा विशेष तौर पर सहकारी सभाओं को ऋण देने के मामले में सहयोग करें। भारद्वाज ने कहा कि सहकारी बैंकों के शेयर होल्डर्स में सहकारी सभाएं भी हैं। मंत्री ने बैंकों से आग्रह किया कि बैंकों के लाभांश का लाभ शेयर होल्डर्स को भी मिलना चाहिए। मंत्री ने घट रहे कृषि ऋण और एनपीए पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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