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13 मई आज जयपुर बम धमाकों की 15वीं बरसी है। इसी दिन साल 2008 में मंगलवार शाम टारगेट कर हनुमान मंदिरों समेत जयपुर शहर के परकोटे में एक के बाद एक सिलसिलेवार 8 बम धमाके आतंकियों ने किए थे, जिसमें 71 लोगों की जान चली गई और 185 से ज्यादा घायल हुए थे। गुलाबी शहर खून से लाल हो था। धमाकों की बरसी पर शहर में जगह-जगह श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखे गए हैं।
यह है पूरा मामला
13 मई 2008 मंगलवार की शाम मंदिरों में दीया-बत्ती की झिलमिल रोशनी और पूजा-आरती से जयपुर शहर का परकोटा गूंज रहा था। चांदपोल हनुमान मंदिर, सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर, छोटी और बड़ी चौपड़, फूलवालों का खंदा समेत तमाम जगह गुलजार थीं। तभी एक के बाद एक हुए 8 सिलसिलेवार बम धमाकों ने हनुमान मंदिरों और परकोटे के भीड़भाड़ वाले इलाकों में आए लोगों में चीख पुकार मचाकर रख दी। गुलाबी नगरी में हुए सीरियल बम धमाकों की गूंज 15 साल बाद बरसी पर आज फिर ताजा हो गई है। धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी और 185 से ज्यादा घायल हुए थे। आज भी उन मृतकों के पीड़ित परिवार और धमाकों का दंश झेलने वाले न्याय की आस लगाए बैठे हैं। निचली अदालत से दोषी और फांसी की सजा पाने वाले 4 आरोपी, हाईकोर्ट से दोषमुक्त होकर बरी हो गए। पीड़ितों और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका लगाई है। उम्मीद है इंसाफ मिलेगा।
13 मई 2008, गुलाबी नगरी, ये 8 सिलसिलेवार धमाके हुए
नौवां बम चांदपोल बाजार में एक गेस्ट हाउस के बाहर ब्लास्ट करने की आतंकी साजिश थी। इसमें रात 9 बजे का टाइमर सेट किया गया था। लेकिन सूचना लगने पर बम डिस्पोजल स्क्वॉयड ने इसे करीब पौने 9 बजे डिफ्यूज कर निष्क्रिय कर दिया था। यह बम नहीं फटा था।
यह थे आरोपी, जो दोषमुक्त होकर बरी
निचली कोर्ट ने किसे कहां ब्लास्ट का दोषी माना था ?
हाईकोर्ट से कैसे बरी हुए आरोपी ?
13 मई 2008 परकोटे में 8 सीरियल बम ब्लास्ट मंदिरों के बाहर और मुख्य बाजारों में हुए। इनमें 71 लोगों की मौत हुई और 185 से ज्यादा घायल हुए। जयपुर जिले की निचली स्पेशल कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद 4 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20 दिसंबर 2019 को मृत्युदंड दिया था। कुल 9 बम जयपुर शहर में फिट किए गए, 8 में धमाके हुए, 1 बम जिंदा बरामद हुआ, जो फटा नहीं। बड़ी संख्या में लोगों की जानें गईं। कई परिवार उजड़ गए। 1293 गवाह और कई सुबूत पेश हुए। फिर भी आरोपी 29 मार्च 2023 को हाईकोर्ट से बरी हो गए। यह जांच एजेंसी, एटीएस, राजस्थान सरकार की ओर से पैरवी पर बड़े सवाल खड़े करता है।
हाईकोर्ट जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की डिविजनल बेंच ने यह फैसला सुनाया
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी और समीर जैन की डिविजनल बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच अधिकारी को लीगल जानकारी नहीं है। इसलिए जांच अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए DGP को निर्देश दिए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को भी जांच करने वाले अफसरों की जांच कराने को कहा है। निचली कोर्ट ने UAPA के तहत अलग-अलग धाराओं में चार आरोपियों को दोषी माना था और एक आरोपी को बरी भी कर दिया था। मामले में कुल 5 आरोपी थे। इस मामले में 24 गवाह बचाव पक्ष ने पेश किए थे, जबकि सरकार की ओर से 1270 गवाह पेश हुए थे। सरकार की ओर से वकीलों ने 800 पेज की बहस की थी। कोर्ट ने 2500 पेज का फैसला सुनाया था। तभी से चारों आरोपी जेल में बंद हैं।
8 प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज हुई थी
राजस्थान हाईकोर्ट की टिप्पणी भी जांच एजेंसी और सरकार के सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े करती है। ब्लास्ट में पीड़ित परिवारों को न्याय के लिए 11 साल 7 महीने के लंबे वक्त का इंतजार करना पड़ा था। लेकिन हाईकोर्ट की ओर से आरोपियों के बरी हो जाने पर उन्हें बड़ा धक्का लगा है। इस केस में कुल 8 प्राथमिकी दर्ज की गई, 4 प्राथमिकी थाना कोतवाली में और 4 प्राथमिकी थाना माणक चौक में दर्ज की गई। चार्जशीट में 169 लोगों के बयान रखे गए थे। लेकिन सब धरे रह गए और आरोपी छूट गए।
राजस्थान हाईकोर्ट की टिप्पणी: 29/03/2023
राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को जांच थ्योरी को गलत बताते हुए जयपुर बम धमाकों के उन चार आरोपियों को बरी कर दिया, जिन्होंने अदालत के समक्ष 28 अपीलें दायर की थी। अपने फैसले में बेंच ने कथित तौर पर कहा कि जांच अधिकारी को कानूनी ज्ञान नहीं था। इसलिए जांच अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश डीजीपी को दिए गए। कोर्ट ने मुख्य सचिव को जांच अधिकारी से जांच कराने को भी कहा है। आरोपियों की पैरवी कर रहे एडवोकेट सैयद सादात अली ने कहा कि हाईकोर्ट ने एटीएस की पूरी थ्योरी को गलत बताया है, इसलिए आरोपियों को बरी कर दिया गया है। '
बीजेपी जयपुर के 250 वार्डों में करेगी हनुमान चालीसा का पाठ
राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव है। हाईकोर्ट से बम धमाके के आरोपी छूट जाने के बाद बीजेपी को बड़ा मुद्दा हाथ लगा है। कांग्रेस सरकार पर तुष्टिकरण और कमजोर पैरवी के आरोप लगाए हैं। इसलिए जयपुर बम धमाकों की 15वीं बरसी को अबकी बार बीजेपी जनता में भुनाने में जुट गई है। बीजेपी की ओर से जयपुर के 250 वार्डों में धरना-प्रदर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। प्रदर्शन में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व विधायक सुरेंद्र पारीक हवामहल विधानसभा, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व विधायक मोहनलाल गुप्ता किशनपोल, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर और विधायक कालीचरण सर्राफ मालवीय
सुप्रीम कोर्ट में 17 मई को होगी सुनवाई
राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 को केस में 4 आरोपियों को बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 13 अप्रैल को पीड़ित परिवारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई। शुक्रवार 12 मई को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवारों की एसएलपी को मंजूर कर दिया। साथ ही राजस्थान सरकार की ओर से लगाई गई एसएलपी भी स्वीकार करते हुए इस केस के साथ क्लब करवाई गई हैं। अब सुप्रीम कोर्ट पीड़ित परिवारों, राज्य सरकार और क्योंकि मामले में आरोपियों ने भी कैविएट दाखिल कर रखी है, इसलिए उनका भी पक्ष सुनेगा। इस मामले की अगली सुनवाई अब 17 मई को होगी।
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