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Rajasthan: प्रदेश की 17 प्रतिशत दलित आबादी को खरगे के बूते साधेगी कांग्रेस, भाजपा से इसलिए आगे है पार्टी

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: उदित दीक्षित Updated Fri, 21 Oct 2022 10:45 PM IST
सार

राजस्थान में दलितों की आबादी करीब 17 फीसदी है। प्रदेश में 34 सीटें एससी के लिए रिजर्व हैं। खास बात यह है कि इन सीटों पर कांग्रेस की स्थित मजबूत हैं। 34 में से 19 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है।

Congress Party Focus On Dalit Voters Mallikarjun Kharge Rajasthan Election Strategy
मल्लिकार्जुन खरगे - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। 26 अक्टूबर वह कांग्रेस अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालेंगे। इसी के साथ करीब 24 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कोई गैर गांधी परिवार का व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष बन जाएगा। अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालने के बाद खरगे पार्टी और संगठन को किस तरह आगे बढ़ाएंगे यह तो आने वाला समय ही बताया, लेकिन दलित समुदाय से आने वाले खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से पार्टी को चुनाव में भी इसका फायदा मिल सकता है। 



इससे पहले द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाए जाने के बाद भी जातीय समीकरण सामने आए थे। कहा जा रहा था कि मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से आदिवासी मतदाताओं पर भाजपा प्रभाव डालेगी। राजस्थान सहित अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है। वहीं, अब खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद दलित समुदाय को लेकर भी यही संभावाना जताई जा रही है।

क्यों जताई जा रही यह संभावना
राजस्थान में दलितों की आबादी करीब 17 फीसदी है। प्रदेश में 34 सीटें एससी के लिए रिजर्व हैं। खास बात यह है कि इन सीटों पर कांग्रेस की स्थित मजबूत हैं। 34 में से 19 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। ऐसे में मल्लिकार्जुन खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस प्रदेश की दलित सीटों पर और मजबूत हो सकती है। 

एससी की 12 सीटों पर भाजपा  
प्रदेश की एससी के लिए रिजर्व 34 सीटों में से 19 पर कांग्रेस और 12 सीटों पर भाजपा काबिज है। इसके अलावा आरएलपी का दो और एक सीट पर निर्दलीय विधायक का कब्जा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 34 एससी सीटों पर 77 लाख 74 हजार 38 वोटर थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां और अधिक वोटर बढ़ेंगे। ऐसे में दोबार सत्ता में आने का प्रयास कर रही कांग्रेस के लिए दलित वोटर महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।  

ये हैं एससी की रिजर्व सीटें 
जयपुर में चाकसू, दूदू, बगरू, नागौर में जायल और मेड़ता, जोधपुर में भोपालगढ़ और बिलाड़ा, गंगानगर में अनूपगढ़ और रायसिंहनगर, भरतपुर में बयाना और वैर, अलवर में कठ्ठुमर और अलवर ग्रामीण में 2-2 एससी की रिर्जव सीटें हैं। इसके अलावा अजमेर दक्षिण, बारां-अटरू, चौहट्टन, शाहपुरा, खाजूवाला, कपासन केशवरायपाटन, सुजानगढ़, सिकराय, बासेरी, पीलीबंगा, जालौर, डग, पिलानी, हिंडौन सिटी, रामगंज मंडी, सोजत, धौद, रेवदर, निवाई और खंडार सीटें एससी रिजर्व सीटें हैं।

खरगे के जरिए दलित समुदाय को साधेगी कांग्रेस
राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अशोक गहलोत राजस्थान मॉडल को प्रचारित कर प्रदेश में एक बार फिर सरकार बनाने की बात कह रहे हैं। ऐसे में खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी दलित समुदाय पर प्रभाव डालने का प्रयास करेगी। कहा जा रहा है कि खरगे राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।  
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