Chanaya Niti: आचार्य चाणक्य बहुत विद्वान, दार्शनिक, दूरदृष्टा और रणनीतिकार थे। उन्होंने चाणक्य नीति में अपने ज्ञान और अनुभव को साहित्य के रूप में संग्रहित किया है। यह नीति ग्रंथ दुनिया के लिए एक अतुलनीय मार्गदर्शिका है, जिसकी मदद से व्यक्ति कामयाबी की बुलंदियों को छू सकता है। इस नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में तीन चीजों को दुनिया की सबसे कीमती चीज माना है। आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार कौनसी चीज हैं जो हीरे मोदी से भी बढ़कर हैं।
चाणक्य नीति का श्लोक
पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् ।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा विधीयते ॥
अर्थात पृथ्वी के सभी रत्नों में जल, अन्न और मधुर वचन सबसे बहुमूल्य रत्न हैं। इनके सामने हीरा, मोती, पन्ना और सोना महज पत्थर के समान हैं। पृथ्वी में जल की मात्रा सर्वाधिक है। लेकिन पीने योग्य पानी बहुत कम है। इसलिए चाणक्य यह जानते थे कि पानी कितना अनमोल है। जल के बिना मनुष्यों का जीवन संभव नहीं हैं।
इसी प्रकार है मनुष्य के पोषण के लिए अन्न कितना आवश्यक है। जल एवं अन्न से इंसान अपने जीवन की रक्षा कर पाता है, इससे उसके प्राणों की रक्षा होती है, शरीर का पोषण होता है और बल-बुद्धि में बढ़ोतरी होती है।
इसके अलावा वे कहते हैं कि मधुर वचनों से इंसान चाहे तो शत्रुओं को भी जीतकर अपना बना सकता है। इसलिए यह रत्न अत्यंत बहुमूल्य हैं। चाणक्य कहते हैं कि जो इंसान इन रत्नों को छोड़कर पत्थरों के पीछे दौड़ते हैं, उनका पूरा जीवन कष्टों से भर जाता है।