नवरात्रि की शुरूआत जहां कलश स्थापना के साथ होती है तो वहीं इसका अंत कन्या पूजन के साथ होता है। कन्या पूजन अष्टमी या नवमी तिथि के दिन किया जाता है। कहते हैं माता रानी कन्या के रूप में आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इसलिए नवरात्रि में नौ कन्याओं को पूजा जाता है। ये नौ कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों के प्रतीक को दर्शाती हैं। घर कन्याओं को आदर सत्कार के साथ बुलाया जाता है और सामर्थ्य के अनुसार उनकी सेवा और उन्हें दान के रूप में कुछ न कुछ उपहार दिया जाता है। नवरात्रि में कन्याओं को इन छह चीजों का दान अवश्य करना चाहिए।