आज टेस्टट्यूब, आई वी एफ और सेरोगेसी तकनीक से निःसंतान दंपत्तियों को संतान का सुख मिल रहा है। लेकिन शास्त्रों और पुराणों में जो कथाएं मिलती हैं उसके अनुसार ऐसा लगता है कि उन दिनों की तकनीक आज से कहीं आगे की रही होगी। पुराणों में गर्भधारण की ऐसी कथाएं मिलती हैं जिसे पढ़कर आज के जमाने में यकीन करना भी मुश्किल होगा।
शास्त्रों और पुराणों में अजग गजब गर्भ धारण की कथाएं, पढ़कर होगी हैरानी
रामायण में एक कथा है कि हनुमान जी समुद्र में पूंछ में लगी आई बुझाने गए तो उनके शरीर से जो पसीना गिरा उसे एक मछली पी गई। काफी समय बाद हनुमान जी को पता चला कि उनके पसीने को पीने से मछली गर्भवती हो गई और उनका मकरध्वज नाम का एक पुत्र भी है।
शास्त्रों और पुराणों में अजग गजब गर्भ धारण की कथाएं, पढ़कर होगी हैरानी
लेकिन इस तरह की पहली घटना का जिक्र देवी भाग्वत में मिलता है। इसमें मधु और कैटभ नाम के दो असुरों का जिक्र किया गया है। सृष्टि के शुरुआती समय में ही ब्रह्मा जी के कान से मैल गिरा जिससे दो असुर उत्पन्न हो गए। यह असुर ब्रह्मा जी को मारना चाहते थे लेकिन विष्णु भगवान ने इन असुरों को मार दिया।
शास्त्रों और पुराणों में अजग गजब गर्भ धारण की कथाएं, पढ़कर होगी हैरानी
ऋग्वेद में देवताओं के चिकित्सक अश्विनी कुमार के जन्म की कहानी दी गई है जो अद्भुत है। भगवान सूर्य की पत्नी संज्ञा सूर्य देव का ताप सहन नहीं कर पा रही थी इसलिए अपनी छाया को सूर्यलोक में छोड़कर पृथ्वी पर अश्वनी बनकर रहने लगी। जब सूर्य देव को इस रहस्य का पता चला तो उन्होंने संज्ञा की खोज की और अश्वनी रुप में उन्हें संज्ञा नजर आई और सूर्य संज्ञा के मिलन से पुत्र उत्पन्न हुए जिसका नाम अश्विनी कुमार रखा गया।
शास्त्रों और पुराणों में अजग गजब गर्भ धारण की कथाएं, पढ़कर होगी हैरानी
महाभारत में कौरवों के जन्म की भी कथा अनोखी है। मटकी में रखे मांस के एक पिंड के एक सौ एक टुकड़े हुए जिनसे सौ कौरव और उनकी एक बहन का जन्म हुआ।