हिंदू धर्म में अश्विन माह के शुक्लपक्ष की शरद पूर्णिमा बहुत ही खास मानी गई है। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में रहकर पृथ्वी के काफी करीब रहता है। ऐसा कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा पर चांद की किरणों अमृत की बूंदे बरसती हैं। शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी का जन्मदिन भी मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा की रात को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती है कि इस रात को कौन-कौन जग रहा है। इसी वजह से शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा के नाम जाना जाता है। शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में कुछ उपाय बताए गए हैं जिसको करने पर देवी लक्ष्मी कृपा प्राप्ति होती है।