नगरीय निकाय चुनाव में जीत के लिए भाजपा-कांग्रेस दोनों ही भगवान महाकाल की शरण में हैं। कुछ दिन पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान उज्जैन आकर महाकाल दर्शन करने गए थे तो मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ उज्जैन पहुंचे। हैलीपेड से सीधे महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे। उनके साथ राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार सहित अन्य नेता भी थे।
दरअसल नगरीय निकाय चुनाव भाजपा-कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय बने हुए हैं। दोनों ही दल पूरी ताकत से चुनाव में डटे हैं। राजनीतिक चालें तो चल ही रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा आस भगवान महाकाल से है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल के दर्शन-पूजन कर भाजपा के महापौर प्रत्याशी मुकेश टटवाल के चुनावी प्रचार की शुरुआत की तो मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ उज्जैन पहुंचे और महाकाल के दर्शन किए।
महाकाल दर्शन के बाद शहर के गणमान्य जनों से चर्चा की। इसके बाद कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार और शहर के 54 वार्डो के पार्षद पद के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित आम सभा को संबोधित किया। आम सभा के बाद नाथ ने प्रेस से चर्चा की। कमलनाथ के आगमन से कार्यकर्ता उत्साहित नजर आए।
महाकाल दर्शन के बाद कमलनाथ ने आम सभा को संबोधित किया। शिप्रा का पानी हाथ मे लेकर महापौर प्रत्याशी महेश परमार ने शिप्रा शुद्धिकरण का संकल्प लिया। इस दौरान जब कमलनाथ का स्वागत करने के लिए नेता मंच पर चढ़े तो कमलनाथ चिढ़ गए। उन्होंने स्वागत करने मंच पर चढ़ी महिला नेत्रियों को नीचे उतारा। कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार ने मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया और विधायक पारस जैन को चुनौती देकर कहा कि विकास के मुद्दे पर मेरे साथ 54 वार्डों में घूम लें। अगर अगर भाजपा के नगर निगम के बोर्ड ने काम किया तो पूर्व महापौर का फोटो क्यों नहीं है चुनाव प्रचार में।
संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि महेश उनकी पसंद इसलिए मैंने चुना औऱ टिकट दिया, क्योंकि वो नेता कम समाजसेवक ज्यादा है। उज्जैन की हालत देखकर तरस आता है। भाजपा को चुनाव और सिंहस्थ में ही उज्जैन याद आता है, क्योंकि सिंहस्थ में भ्रष्टाचार का मौका मिलता है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज ने दिया क्या मध्यप्रदेश को। घर-घर दारू दी। महंगाई दी, बेरोजगारी दी, भ्रष्टाचार दिया, बलात्कार दिया। सबसे ज्यादा महिला अत्याचार मध्यप्रदेश में। केवल घोषणाएं करते हैं शिवराज। क्या घोषणाएं से प्रदेश चलता है। मीडिया से चर्चा में कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उज्जैन को विकसित नहीं होने दिया।
कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने कहा कि हिन्दूवादी बाते करने वाली पार्टी ने ही किया महाकाल का व्यवसायीकरण। दर्शन करने के 100 रुपये, गर्भगृह में दर्शन के 1000 रुपये, भस्मार्ती के भी शुल्क। ये कैसी हिन्दूवादी पार्टी जो महाकाल के दर्शन भी पैसे लेकर करवा रही है। महाकाल तो सभी के हैं। वहां कैसा भेदभाव। कांग्रेस का बोर्ड बनने पर जनता को नगर निगम नहीं बल्कि खुद नगर निगम चलकर आपके घर आएगी।