सूर्यनमस्कार योग का अभ्यास वर्षों से कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता रहा है। सूर्य नमस्कार 12 शक्तिशाली योग मुद्राओं का एक संयोजित अभ्यास है। इसकी नियमित आदत बनाकर कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य से लेकर शरीर और दिमाग को स्वस्थ और फिट बनाए रखने तक में मदद मिल सकती है। सुबह खाली पेट सूर्य नमस्कार का अभ्यास करना सबसे अच्छा माना जाता है। इसके अद्भुत स्वास्थ्य लाभ को देखते हुए विशेषज्ञ इस योग को 'अल्टीमेट आसन' के रूप में भी वर्गीकृत करते हैं।
सूर्य नमस्कार का अभ्यास आपकी पीठ के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत करता है साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं।
योग विशेषज्ञ बताते हैं, नियमित रूप से सूर्यनमस्कार के योगासनों को दिनचर्या में शामिल करना कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लाभ दे सकता है। इसके कुछ योगाभ्यास काफी कारगर और पसंदीदा रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास की आदत बनाकर कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि सभी लोगों को किन तीन आसनों को नियमित रूप से जरूर अभ्यास करने की आदत बनानी चाहिए?
सूर्य नमस्कार का अभ्यास आपकी पीठ के साथ-साथ मांसपेशियों को मजबूत करता है साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में भी इसके लाभ देखे गए हैं।
योग विशेषज्ञ बताते हैं, नियमित रूप से सूर्यनमस्कार के योगासनों को दिनचर्या में शामिल करना कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित लाभ दे सकता है। इसके कुछ योगाभ्यास काफी कारगर और पसंदीदा रहे हैं, जिनके नियमित अभ्यास की आदत बनाकर कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। आइए जानते हैं कि सभी लोगों को किन तीन आसनों को नियमित रूप से जरूर अभ्यास करने की आदत बनानी चाहिए?