कोरोना के प्रभाव को हम इस तरह से देख सकते हैं कि पिछले एक साल में कोरोना ने लोगों की पूरी जीवनशैली को बदलकर रख दिया है। लोगों ने अधिक से अधिक घर पर रहना शुरू कर दिया है, बाहर काम करने वाले अधिकांश लोग एक आरामदायक जीवन के आदि हो चुके हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि कोरोनाकाल में लोग यदि शारीरिक सक्रियता पर जोर देते तो एक वर्ष में करीब पचास लाख मौत टाली जा सकती थीं। संगठन की नई गाइडलाइंस के अनुसार, एक व्यस्क के लिए सप्ताहभर में 150-200 मिनट शारीरिक श्रम करते हुए बिताना बहुत जरूरी हो चुका है नहीं तो विश्व का भविष्य सुरक्षित नहीं है। कई सारी मृत्यु सामान्य बीमारियों से तक हो सकती है। अगली स्लाइड्स जानते हैं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी गाइडलाइंस के बारे में।