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Covid-19 Risk: चीन में कोरोना से बिगड़े हालात, कई शहरों में लॉकडाउन, क्या भारत के लिए भी खतरे की घंटी?

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sun, 27 Nov 2022 02:03 PM IST
चीन में कोरोना संक्रमण का खतरा
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चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों ने लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है। नेशनल हेल्थ कमीशन द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक देश में पिछले चार दिनों से रोजाना लगभग 40 हजार केस दर्ज किए जा रहे हैं। शनिवार को 39791 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया गया। संक्रमण के बढ़ते मामलों के जोखिम को देखते हुए प्रशासन ने शेनझेंग शहर में रेस्तरां और अन्य स्थानों पर भीड़ को 50 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है।  बाहरी आगमन, थिएटर और जिम आदि को बंद करने का फैसला किया गया है, कुछ शहरों में आंशिक रूप से लॉकडाउन की भी खबरें हैं। प्रशासन ने सभी लोगों से सख्ती से कोरोना से बचाव के उपाय करते रहने की अपील की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 26 नवंबर को 39 हजार से अधिक लोगों को संक्रमित पाया गया, इनमें से लगभग 3700 लोग ही ऐसे हैं जिनमें लक्षणों के साथ इसकी पुष्टि की गई है। ज्यादातर लोग एसिम्टोमैटिक देखे जा रहे हैं। इस साल अप्रैल के बाद से पहली बार चीन में कोरोना के मामलों में इतना उछाल देखा जा रहा है।

चीन में एक बार फिर से कोरोना के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए दुनिया के अन्य देशों के लिए भी स्वास्थ्य विशषज्ञों ने अलर्ट जारी किया है। क्या भारत के लिए भी यह खतरे की घंटी हो सकती है?
कोरोना का बढ़ता जोखिम
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क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?

कोरोना के कारण चीन में बिगड़ते हालात को देखते हुए आईएमएफ की पहली उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ रिपोर्ट में कहा, जिस तरह से कोरोना के मामले चीन के लिए मुश्किलें बढ़ाते हुए दिख रहे हैं, ऐसे में सरकार को 'जीरो कोविड स्ट्रेटजी' को लेकर फिर से विचार करने की आवश्यकता है। कोरोना का बढ़ता जोखिम न सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी खतरों को बढ़ा रहा है, साथ ही इससे अर्थव्यवस्था पर भी असर हो सकता है।

चीन में कोरोना के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए अन्य देशों को बचाव के उपाय तेज कर देने चाहिए। महामारी अब भी जारी है, इसे हल्के में लेने की गलती सभी के लिए भारी पड़ सकती है।
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भारत में कोरोना का जोखिम
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क्या भारत के लिए भी फिर हो सकता है खतरा

चीन में कोरोना संक्रमण के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या भारत में भी स्थिति फिर से बिगड़ सकती है? फिलहाल देश में कोरोना की स्थिति काफी नियंत्रित नजर आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को भारत में एक बार फिर से 300 से अधिक लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया गया। शनिवार को 343 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।

पिछले 24 घंटे में देश में चार लोगों की संक्रमण से मौत हुई है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यहां लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है, कुछ कारणों से भारत के लिए भी खतरे बढ़ सकते हैं।
कोरोना के नए वैरिएंट्स का जोखिम
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चीन में जिन वैरिएंट से बढ़े केस, भारत में भी उसका खतरा

गौरतलब है कि चीन में इन दिनों जिन वैरिएंट्स के कारण संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, भारत में भी इसकी पुष्टी हो चुकी है। चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए मुख्यरूप से ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट BQ.1 और BQ.1.1 को जिम्मेदार पाया गया है। भारत में भी इन दोनों वैरिएंट्स के कारण संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। ये वैरिएंट् यूएसए में भी कोरोना के मामलों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार पाए जा चुके हैं।

अध्ययनों में पाया गया है कि  BQ.1 और  BQ.1.1 की संक्रामकता दर अधिक है, यह आसानी से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देकर संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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कोरोना संकट से बचाव करते रहना जरूरी
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भारत के लिए खतरे की घंटी?

महामारी की शुरुआता से कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे इंटेसिव केयर के डॉक्टर विभु श्रीवत्स कहते हैं, कोरोना के बारे में कुछ भी पूर्वानुमान लगा पाना मुश्किल है, फिलहाल जिस तरह से चीन सहित कई अन्य देशों में संक्रमितों के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, उससे भारत के लिए भी खतरा हो सकता है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि यहां टीकाकरण की दर काफी अच्छी है, ऐसे में यहां गंभीर मामलों का खतरा कम हो सकता है। हालांकि नए वैरिएंट्स के बढ़ते जोखिमों को देखते हुए सभी लोगों को बचाव के निरंतर उपाय करते रहने की आवश्यकता है। महामारी अब भी बड़ी चिंता का कारण बनी हुई है। 



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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