मई महीना हिंदी सिनेमा में अमिताभ बच्चन की फिल्मों के लिए जाना जाता है। जंजीर से लेकर नसीब, त्रिशूल, डॉन, लावारिस और अमर अकबर एंथनी सब मई में ही रिलीज हुईं। इसी मई में रिलीज हुई है एक ऐसे निलंबित पुलिस अफसर हाथीराम चौधरी की कहानी, पाताल लोक, जो पूरे सिस्टम की सच्चाई का बीच चौराहे भांडा फोड़ती है। वेब सीरीज पाताल लोक के इसी इंस्पेक्टर हाथीराम यानी जयदीप अहलावत से पंकज शुक्ल ने की ये खास बातचीत।
पाताल लोक में आपका किरदार जंजीर के विजय खन्ना के काफी करीब है, क्या तैयारियां की आपने इस किरदार के लिए?
हाथीराम का किरदार विजय खन्ना से थोड़ा ज्यादा कॉम्प्लेक्स इस मायने में है कि वह काफी समय से इसी पद पर अटका है। मैं जब इसकी तैयारी कर रहा था तो मुझे समझ आया कि यह बड़ा आदर्शवादी रहा होगा तो कभी उतनी तरक्की मिली नहीं। सिस्टम एक मशीनरी की तरह चलता है जो पुर्जे इस मशीनरी में रुकावट बनते हैं, उन्हें निकाल दिया जाता है। तो ये पुर्जा मशीनरी में वापस आने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है। उसका एक बड़ा बेटा है। उसकी सारी जद्दोजहद इस बेटे की आंखों में हीरो बनने की है क्योंकि हाथीराम के पिता ने उसे कभी कुछ समझा ही नहीं।
पाताल लोक में आपका किरदार जंजीर के विजय खन्ना के काफी करीब है, क्या तैयारियां की आपने इस किरदार के लिए?
हाथीराम का किरदार विजय खन्ना से थोड़ा ज्यादा कॉम्प्लेक्स इस मायने में है कि वह काफी समय से इसी पद पर अटका है। मैं जब इसकी तैयारी कर रहा था तो मुझे समझ आया कि यह बड़ा आदर्शवादी रहा होगा तो कभी उतनी तरक्की मिली नहीं। सिस्टम एक मशीनरी की तरह चलता है जो पुर्जे इस मशीनरी में रुकावट बनते हैं, उन्हें निकाल दिया जाता है। तो ये पुर्जा मशीनरी में वापस आने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है। उसका एक बड़ा बेटा है। उसकी सारी जद्दोजहद इस बेटे की आंखों में हीरो बनने की है क्योंकि हाथीराम के पिता ने उसे कभी कुछ समझा ही नहीं।