90 के दशक में दूरदर्शन ने बच्चों के मनोरंजन के बारे में सोचना शुरू किया। उन दिनों दूरदर्शन मनोरंजन के साथ सूचना का माध्यम हुआ करता था। लेकिन तब बच्चों के लिए कोई ऐसा कार्यक्रम नहीं आता था कि जिसे वो बहुत चाव से देख पाएं। 13 सितंबर साल 1997 को दूरदर्शन ने शक्तिमान के साथ पहला प्रयोग किया और ये इतना सफल रहा कि उसके बाद दूरदर्शन पर सुपरहीरो वाले कार्यक्रमों की लाइन लग गई। आज आपको दूरदर्शन के उन सुपरहीरो से मिलवाएंगे जिनकी यादें अब धुंधली हो चुकी हैं।
शक्तिमान
शक्तिमान से पहले कम ही लोगों को सुपरहीरोज के बारे में जानकारी थी। लेकिन मुकेश खन्ना के इस कार्यक्रम ने बच्चों को उस दुनिया से मिलवाया जिनकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। गोल-गोल घूमकर हवा में उड़ जाना, हाथों से शक्तियां निकालना, दुनिया की बुराईयों से लड़ना, ये सब एक ऐसी कल्पना थी जिसे मुकेश खन्ना ने बच्चों के सामने हकीकत बनाकर पेश किया। इस कार्यक्रम की सफलता ने बता दिया कि भारत में सुपरहीरोज का भविष्य उज्ज्वल है।
कैप्टन व्योम
शक्तिमान के कुछ ही महीनों बाद दूरदर्शन पर एक और नया प्रयोग कैप्टन व्योम के रूप में किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यन से विज्ञान के साथ बच्चों ने एलियन के बारे में भी जाना। इस शो में एक ऐसा सुपर हीरो दिखाया गया जो पूरी पृथ्वी की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कैप्टन व्योम की भूमिका में मिलिंद सोमन ने लोगों का ऐसा दिल जीता कि वो घर-घर पहचाने जाने लगे। खासकर युवाओं की बीच इस कार्यक्रम की बहुत लोकप्रियता थी। करीब एक साल तक चले इस कार्यक्रम को लोगों का बहुत प्यार मिला।
जूनियर जी
एक गौरव नाम का अनाथ बच्चा, जो अपने रिश्तेदारों के पास रहता है। एक दिन आसमान से एक उल्का पिंड का टुकड़ा गिरता है जिसे पाकर वो एक सुपरमैन बन जाता है। शक्तिमान और कैप्टन व्योम जैसे सुपरहीरोज को देखने के बाद अब लोगों की मुलाकात एक ऐसे सुपरहीरो से हुई जो बिलकुल हम उम्र था। दुनिया को हर मुश्किल से बचाने वाले जूनियर जी ने खासकर छोटे बच्चों पर अपनी छाप छोड़ी। हालांकि जूनियर जी को वैसी सफलता नहीं मिली जैसी शक्तिमान और कैप्टन व्योम को मिली थी।
आर्यमान
शक्तिमान की सफलता को देख मुकेश खन्ना ने एक और सुपरहीरो कार्यक्रम की शुरुआत कर दी। इसका नाम था आर्यमान। इतिहास और वर्तमान के लेकर बने इस कार्यक्रम ने लोगों के मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ा। इस कार्यक्रम के जरिए लोगों ने एक ऐसे योद्धा को देखा जो पृथ्वी को बचाने की मुहिम पर डटता है। खासकर उसकी चमचमाती लाइट वाली तलवार ने बच्चों को खूब जोड़कर रखा। दूरदर्शन पर सफल होने के बाद इसका प्रसारण अंतर्राष्ट्रीय चैनल जेटिक्स पर भी किया गया था।