भारत में इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन सीरियल दिखाने वाले कुछ प्लेटफॉर्म ने ये तय किया है कि वो अपने कन्टेन्ट पर खुद ही पहरा लगाएंगी। इसके लिए मोबाइल और ऑनलाइन सेवाओं के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के साथ मिल कर कंपनियों ने एक मसौदा तैयार किया है।जो कंपनियां इस मसौदे को अपनाने वाली हैं उनमें नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, जियो, ज़ी फाइव, ऑल्ट बालाजी और कुछ और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म शामिल हैं।
भारत में फिल्म, प्रिंट और टीवी कन्टेन्ट को सर्टिफिकेट देने वाली संस्थाएं हैं लेकिन ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के कन्टेन्ट पर सेंसरशिप को लेकर किसी भी तरह का कानून अभी तक नहीं है। बीबीसी के पास मौजूद इस मसौदे "कोड ऑफ बेस्ट प्रैक्टिसेस फॉर ऑनलाइन क्यूरेटेड कन्टेन्ट प्रोवाइडर्स" के अनुसार इसका उद्देश्य "उपभोक्ताओं के हितों के साथ-साथ कंपनियों की रचनात्मक स्वतंत्रता की रक्षा" करना है। हालांकि जानकारों का कहना है कि खुद को सेन्सर करने की कोशिश खुद की शिकायतें खुद सुनने जैसा है और कंपनियां भविष्य में खुद को किसी तरह के कानूनी पचड़ों में फंसने से बचाने की कोशिश कर रही हैं।