बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ लोगों के दिलों में बसते हैं। 80-90 के दशक के सुपरहिट अभिनेताओं में जैकी की गिनती होती है। जैकी श्रॉफ मुंबई की चॉल में पले- बड़े हैं। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो एक दिन लोगों के बीच जग्गू दादा के नाम से पहचाने जाएंगे। जैकी श्रॉफ ने देव आनंद की फिल्म 'स्वामी दादा' से डेब्यू किया था। लेकिन इस फिल्म से उन्हें पहचान नहीं मिल पाई।
इसके बाद 1983 में जैकी श्रॉफ ने 'हीरो' फिल्म में काम किया। इस फिल्म ने जैकी को रातों-रात सुपस्टार बना दिया। फिल्म की एक आइकॉनिक धुन थी, बांसुरी की धुन। जो आज भी लोगों के दिल में बसती है। इस धुन पर 80 के दशक में जैकी श्रॉफ तो वहीं 2014 में उनका बेटा टाइगर श्रॉफ भी थिरक चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये धुन कैसे बनी थी? चलिए हम आपको बताते हैं।
दरअसल इस बारे में एक पुराने इंटरव्यू के दौरान खुद इस फिल्म के निर्देशक सुभाष घई ने बताया था। सुभाष ने बताया था कि, 'जब मैंने अपनी फिल्म की कहानी लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को बताई, तो वे चाहते थे कि ये एक म्यूजिकल स्कोर हो, जिसे हमेशा के लिए याद रखा जाए। आइकॉनिक बांसुरी की धुन को पियानो पर प्यारेलाल-जी ने कंपोज किया था। इसके बाद फेमस बांसुरी बजाने वाले हरिप्रसाद चौरसिया ने बजाया।'
आगे सुभाष घई ने बताया, 'इस तरह से उस समय का आइकॉनिक म्यूजिकल स्कोर तैयार किया गया था, जिसने जैकी श्रॉफ को रोमांटिक स्टार के रूप में लॉन्च किया गया था।' सुभाष घई ने ये भी कहा कि, 'स्क्रिप्ट में शुरू से ही ये बताया गया था कि बांसुरी फिल्म की हीरो है, जिसने दो लवर्स के बीच प्यार का आधार बनाया।'