भारतीय सिनेमा में बाहर से जितनी चकाचौंध दिखती है, अंदर जाकर उतना ही अंधेरा है। यहां पर स्टार किड्स के लिए रास्ता तो बहुत आसान है लेकिन जिनका इस इंडस्ट्री से कोई लेना देना नहीं रहा है उनके लिए यह रास्ता बहुत मुश्किल है। हॉटस्टार की वेब सीरीज 'हंड्रेड' में नजर आ रहे अभिनेता राजीव सिद्धार्थ भी बहुत मुश्किल दौर से गुजरे हैं। उन्होंने अमर उजाला से खास बातचीत में कहा कि जो व्यक्ति एक्टिंग के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए तैयार हो, इसके बारे में ही सोचता हो, और सिर्फ इसी के लिए मरता हो, तो ही वह अभिनय की दुनिया में अपना कदम रखे।
अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए राजीव कहते हैं, 'जब मैं विज्ञापन के ऑडिशन देने जाता था तो देखता था कि पहले से ही 100 से ज्यादा लोगों की लाइन लगी हुई है। तीन से चार घंटे धूप में खड़े होकर, लाइन में लगकर नंबर आता था। तब जाकर कहीं हमें अपना अभिनय दिखाने का मौका मिलता था। कभी-कभी तो नंबर भी नहीं आता था उससे पहले ही कास्टिंग डायरेक्टर लोगों को वापस भेज देते थे। इतनी जगहों से नकारे जाने के बाद कैसा महसूस होता है? यह कोई हम जैसे संघर्षशील कलाकार से ही पूछे।'
अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए राजीव कहते हैं, 'जब मैं विज्ञापन के ऑडिशन देने जाता था तो देखता था कि पहले से ही 100 से ज्यादा लोगों की लाइन लगी हुई है। तीन से चार घंटे धूप में खड़े होकर, लाइन में लगकर नंबर आता था। तब जाकर कहीं हमें अपना अभिनय दिखाने का मौका मिलता था। कभी-कभी तो नंबर भी नहीं आता था उससे पहले ही कास्टिंग डायरेक्टर लोगों को वापस भेज देते थे। इतनी जगहों से नकारे जाने के बाद कैसा महसूस होता है? यह कोई हम जैसे संघर्षशील कलाकार से ही पूछे।'