बॉलीवुड के लेजेंड कहे जाने वाले शशि कपूर की आज पुण्यतिथि है। साल 2017 में लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। कई ब्लॉकबस्टर देने वाले शशि कपूर एक समय पर करोड़ों दिलों की धड़कन हुआ करते थे। शशि ने करीब 160 फिल्मों में काम किया जिसमें ज्यादातर हिट रहीं। शशि कपूर का असली नाम बलवीर राज कपूर था। साल 2011 में उनको भारत सरकार ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। साल 2015 में उनको 2014 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं करियर के शुरू होने के कुछ समय बाद शशि कपूर के पास अपनी जरूरत पूरी करने के लिए भी पैसे नहीं थे।
शशि कपूर ने 60 के दशक में डेब्यू किया था जो सक्सेसफुल रहा। इस दौरान उन्होंने करीब 116 हिंदी फिल्में कीं जिनमें से 61 सोलो हीरो के तौर पर थीं। लेकिन जिस तरह तेजी से चमकते सूरज को भी ग्रहण लग जाता है ठीक वैसे ही शशि कपूर के करियर को भी ग्रहण लग गया। इसी दशक में उनके पास काम के लाले पड़ गए और उन्हें काम मिलना बंद हो गया। काम ना होने की वजह से शशि कपूर मायूस हो गए। लेकिन घर तो चलाना ही था....कुछ ना कुछ काम तो करना ही था और उसके लिए पैसों की जरूरत थी।
मजबूरन शशि कपूर को अपनी स्पोर्ट्स कार बेचनी पड़ी। पति का सहारा बनने और घर परिवार को संभालने के लिए उनकी पत्नी जेनिफर केंडल को सामान बेचना पड़ा। इसका जिक्र उनके बेटे कुणाल कपूर ने एक इंटरव्यू में भी किया था। कुनाल कपूर ने बताया था, 'पिताजी ने स्पोर्ट्स कार बेच दी थी। हमारे पास पैसे नहीं थे तो इसलिए मां ने सामान बेचना शुरू कर दिया।' और फिर 70 के दशक में शशि कपूर एक ऐसा सितारा बनकर चमके जिसकी चमक के आगे बाकी सितारे भी फीके लगने लगे।
1958 में की जेनिफर से शादी
1958 में शशि कपूर और जेनिफर की शादी हुई। हालांकि कपूर खानदान अपने लिए विदेशी बहू को लेकर बहुत सहज नहीं हो पाया था पर शशि कपूर ने सबको मना लिया। एक साल के अंदर शशि कपूर पिता बन गए और उनके पिता ने आर्थिक दिक्कतों और स्वास्थ्यगत समस्याओं के चलते पृथ्वी थिएटर को बंद करने का फैसला कर लिया था। लेकिन जेनिफर ने शशि कपूर को इस कदर प्यार दिया कि उनके मरने के बाद भी शशि इस प्यार से बाहर नहीं निकल पाए।
जेनिफर को हुआ कैंसर
1982 में जेनिफर कैंसर की चपेट में आ गईं। शशि कपूर ने मुंबई से लेकर लंदन तक के डॉक्टरों से इलाज कराया लेकिन 7 सितंबर, 1984 को जेनिफर का निधन हो गया। इसके साथ ही शशि कपूर की दुनिया में एक ऐसा सूनापन आ गया जो कभी नहीं भरा। पत्नी के जाने के गम में वे घंटों तक अकेले बैठकर रोते। 4 दिसंबर, 2017 तक अपनी मौत के समय तक शशि कपूर, जेनिफर की यादों के साथ जीवित रहे।