हिंदी सिनेमा में एक वो दौर भी था जब एक्शन खूब डिमांड में था और निर्माता-निर्देशक भी फिल्मों में जमकर एक्शन परोसते थे। अब चूंकि एक्शन फिल्मों में रखना जरूरी है इसलिए विलेन का होना भी जरूरी है...और इस तरह फिल्मों के विलेन भी अभिन्न हिस्सा बन गए..यानि जितना ज्यादा जरूरी हीरो, उतना ही जरूरी विलेन भी।
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उस दौर में विलेन का अपना ही एक महत्व था और वो खूब पॉपुलर भी थे। ऐसे ही एक विलेन रहे माणिक ईरानी। बेशक लोग इन्हें नाम से शायद नहीं पहचानते होंगे, लेकिन तस्वीर देखते ही जरूर कह उठेंगे, 'अरे ये तो वही बिल्ला है।'
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सुभाष घई की फिल्म 'हीरो' में निभाए बिल्ला नाम के विलेन के किरदार ने माणिक ईरानी को एक नया ही नाम दे दिया था। हालांकि इससे पहले माणिक ने और भी विलेन के किरदार निभाए थे, लेकिन उन्हें नई पहचान मिली फिल्म 'हीरो' से।
माणिक ईरानी का अपना ही एक अलग अंदाज था। उनका लुक ऐसा था कि कोई भी देखकर डर जाए और उस पर माणिक की जानदार डायलॉग डिलिवरी....मानों सब्जी में स्वादिष्ट मसालों का तड़का।
स्क्रीन पर माणिक के आते ही दहशत फैल जाती थी। लोग उन्हें ऐसे चाव से देखते थे मानों किसी सुपरस्टार को देख रहे हों। माणिक ने 1974 में गुंडे के किरदार से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने 'कालीचरण', 'त्रिशूल', 'मिस्टर नटवरलाल', 'शान', 'कसम पैदा करनेवाले की' जैसी कई फिल्मों में काम किया।