बॉलीवुड और ग्लैमर की दुनिया में काम करने के लिए हर साल लाखों की संख्या में मुंबई पहुंचते हैं। उनमें से कई सक्सेसफुल होते हैं तो कईयों को लंबे समय तक संघर्ष करते रहना पड़ता है। ऐसे ही एक एक्टर सवी सिद्धू इन दिनों चर्चा में हैं, जिन्हें अब अपना घर चलाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है।
सवी सिद्धू ने अपने करियर की शुरुआत अनुराग कश्यप के साथ फिल्म पांच से की हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर रिलीज नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने अनुराग की ही फिल्म गुलाल और ब्लैक फ्राइडे, अक्षय कुमार के साथ पटियाला हाउस में काम किया। सवी के पास काम की कमी नहीं रही, उन्होंने यशराज बैनर और सुभाष घई की फिल्मों में किरदार निभाए लेकिन फिर उनकी जिंदगी में ऐसा दौर आया जब उन्हें इंडस्ट्री छोड़नी पड़ी। अब उन्हें अपने घर का खर्च निकालने के लिए गार्ड की नौकरी करनी पड़ रही है।
सवी ने बताया कि उन्हें बचपन से ही फिल्मों में एक्टिंग का शौक था। शुरुआती पढ़ाई लखनऊ से पूरी करने के बाद वो चंडीगढ़ चले गए जहां से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान ही उन्हें मॉडलिंग का ऑफर मिला। इसके बाद वो लॉ की डिग्री के लिए लखनऊ वापस आए, साथ ही सवी थिएटर करने लगे। उनके भाई की नौकरी एयर इंडिया में लग गई तो मुंबई आना आसान हो गया। मुंबई पहुंचकर उन्होंने प्रोड्यूसर्स से मिलना शुरू किया।
एक वेबसाइट को इंटरव्यू में सवी ने बताया कि 'कई बड़े डायरेक्टर के साथ काम किया। मुंबई में जहां लोगों को काम नहीं मिलता वहीं मुझे कभी काम की कमी नहीं रही। मुझे ही छोड़ना पड़ा सब। मेरी हेल्थ प्रॉब्लम बढ़ने लगी। इस वजह से मैंने फिल्मों से दूरी बना ली। मेरे पास पैसे की कमी होने लगी। मेरी जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर तब था जब मेरी पत्नी की मौत हो गई। उसके बाद मेरे माता-पिता की मौत हो गई। फिर मेरे सास-ससुर ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। मेरे घर में 7-8 लोगों के अचानक इस तरह मौत होने से मैं बिल्कुल अकेला रह गया।' अपनी आप बीती बताते-बताते सवr रो पड़ते हैं।'
सवी आगे बताते हैं कि 'सिक्योरिटी गार्ड की जॉब 12 घंटे की होती है। सुबह 8 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक। काफी मुश्किल होता है। घर पहुंचकर मैं ही खाना बनाता हूं और सारे काम करता हूं। सुबह जल्दी उठकर फिर यहां आना होता है।' प्रोड्यूसर्स से मिलने के सवाल पर सवी कहते हैं कि 'अभी तो इतने पैसे नहीं है कि बस का किराया देकर किसी प्रोड्यूसर-डायरेक्टर से मिल सकूं।'