देश में लाइट एंड साउंड शो के जनक और दूरदर्शन के लिए ‘नीम का पेड़’, ‘शतरंज के मोहरे’ और ‘आधा गांव’ जैसे कार्यक्रम लिखने वाले प्रख्यात रंगकर्मी विलायत जाफरी की याद में यहां मुंबई में शनिवार को एक शानदार जलसा होने जा रहा है। लखनऊ दूरदर्शन के निदेशक रहे विलायत जाफरी का जन्म 2 अक्तूबर 1935 को रायबरेली में हुआ। और, दो साल पहले 5 अक्तूबर को वह दुनिया छोड़ गए। विलायत जाफरी की याद में उनके प्रशंसकों ने बीते साल से ‘विलायत जाफरी एक्सीलेंस अवार्ड’ की शुरुआत की है। इस साल ये पुरस्कार चर्चित अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी को दिया जाएगा।
शिष्यों ने किया आयोजन
8 अक्टूबर को मुंबई में होने जा रहे विलायत जाफरी एक्सीलेंस अवार्ड 2022 का आयोजन उनके शिष्यों और प्रशंसकों द्वारा किया जा रहा है, इस कार्यक्रम में विलायत जाफरी की शख्सीयत के बारे में बातें होंगी, उनकी रचनाओं पर चर्चा होगी और रंगमंच पर विभिन्न प्रस्तुतियों के जरिये उन्हें याद किया जाएगा। कार्यक्रम में एक सत्र इस बात पर भी रखा गया है कि विलायत जाफरी की कृतियों को समकालीन प्रारूपों में प्रदर्शित करके, उनकी विरासत को संरक्षित और कायम रखते हुए इसे कैसे वैश्विक स्तर पर बढ़ाया जाए।
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सुष्मिता मुखर्जी को मिलेगा सम्मान
पिछले साल विलायत जाफरी की पहली पुण्यतिथि पर 'विलायत जाफरी एक्सीलेंस अवार्ड' का आयोजन लखनऊ में किया गया था। जयपुर के रहने वाले 90 वर्षीय रंगकर्मी रणवीर सिंह को ये सम्मान पहली बार दिया गया था। इस साल ये पुरस्कार चर्चित अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी को दिया जाएगा। विलायत जाफरी की पत्नी कृष्णा जाफरी कहती हैं, 'इस वर्ष भी हम उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर 5 अक्टूबर को अवार्ड का आयोजन करने वाले थे। लेकिन, दशहरे की वजह से हॉल उपलब्ध नहीं था। इसलिए इस बार कार्यक्रम का आयोजन 8 अक्टूबर को अंधेरी पश्चिम के एलाइट बैंक्वेट्स में कर रहे हैं।'
लाइट एंड साउंड शो के जनक
विलायत जाफरी को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से अकादमी रत्न सम्मान से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उन्हें उर्दू अकादमी दिल्ली अवॉर्ड, कबीर अवॉर्ड, उर्दू अकादमी उत्तर प्रदेश अवॉर्ड, यूपी रत्न अवॉर्ड, यूरोप का टीवी अवॉर्ड समेत कई पुरस्कार मिल चुके हैं। कहानियों और नाटकों की उनकी नौ किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्होंने लाइट और साउंड के माध्यम से कई अभूतपूर्व प्रस्तुतियां दीं जिनमें लखनऊ रेजीडेंसी प्रांगण में आजादी की पहली लड़ाई 1857 पर हुई प्रस्तुति सबसे बेजोड़ मानी जाती है। इसके अलावा बहादुर शाह जफर, शाहजहां, मिर्जा गालिब, बढ़ते कदम जैसी प्रस्तुतियां भी उन्होंने दीं।
चर्चित नाटकों के चितेरे
सराय के बाहर, शोहरत, जहर कौन पिए, एक जमा दो, अंधेरे से उजाले तक, मिर्जा शोहरत उनके चर्चित नाटक हैं। ऑल इंडिया कैफी आजमी एकेडमी लखनऊ के संरक्षक होने के साथ लेखन, नाट्य एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भी विलायत जाफरी हमेशा शामिल रहे। मुंबई में शनिवार को उनकी याद में प्रस्तावित कार्यक्रम में उनकी लिखी कई रचनाओं का मंचन भी किया जाएगा।