चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) भारतीय सशस्त्र सेनाओं की स्टाफ कमेटी के प्रमुखों का सैन्य प्रमुख होता है। यह पद भारतीय सेना में सर्वोच्च रैंक वाला अधिकारी है। यह रक्षा मंत्री के प्रधान कर्मचारी अधिकारी और मुख्य सैन्य सलाहकार भी हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ प्रधानमंत्री के सैन्य सलाहकार भी होते हैं। सीडीएस अधिकारी ही सैन्य मामलों के विभाग का भी प्रमुख होता है। आइए जानते हैं सीडीएस कौन बन सकते हैं? सीडीएस बनने के लिए क्या करना पड़ता है? सीडीएस की पढ़ाई कहां से की जाती है? साथ ही सीडीएस बनने के लिए क्या-क्या योग्यताओं की जरूरत है।
सीडीएस बनने के लिए पहले यूपीएससी की परीक्षा पास करनी होगी
सीडीएस बनने के लिए, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में शामिल होना होगा। प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित होने के इच्छुक लोगों ने स्नातक तक पढ़ाई पूरी कर ली हो और उनकी आयु 19 से 25 वर्ष के भीतर होनी चाहिए। संघ लोक सेवा आयोग की ओर से भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA), भारतीय नौसेना अकादमी (INA), और भारतीय वायु सेना अकादमी (AFA) में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की जाती है।
यूपीएससी की लिखित परीक्षा के बाद होगा साक्षात्कार
उम्मीदवारों का चयन यूपीएससी की लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार के दौर के आधार पर किया जाता है। परीक्षा दो घंटे के लिए आयोजित की जाती है। परीक्षा में अंग्रेजी, सामान्य ज्ञान और गणित के प्रश्न शामिल हैं। IMA, INA और AFA की लिखित परीक्षा में 300 अंक के पेपर होते हैं जबकि OTA की परीक्षा में 200 अंक के प्रश्न होते हैं। प्रत्येक गलत प्रयास के लिए नकारात्मक अंकन का प्रावधान है, इसके तहत 0.33 अंक काटे जाते हैं।
चयन के बाद शुरू होता है कठिन प्रशिक्षण
चयनित लोगों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाएगा। भारतीय सशस्त्र सेनाओं में विभिन्न उच्च पदों के लिए प्रशिक्षण और प्रशासनिक अनुभव की अवधि अलग-अलग है। भारतीय सैन्य सेवा में अधिकारी संवर्ग के लिए यह 18 महीने, भारतीय नौसेना अकादमी के लिए 37 से 40 महीने और भारतीय वायु सेना अकादमी के लिए 74 महीने है। इसके बाद सेना के प्रशासनिक और संगठनात्मक ढांचे में विभिन्न पदों पर काबिज होते हुए सीडीएस यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद तक पहुंचा जा सकता है।
सीडीएस की नियुक्ति कौन करता है?
सीडीएस की नियुक्ति के लिए बुनियादी मानदंड बेहद सरल हैं। तीनों सेवाओं - भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना (IAF) और भारतीय नौसेना का कोई भी कमांडिंग ऑफिसर यानी सेना प्रमुख, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS के पद के लिए पात्र होता है। नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को सैन्य अधिकारी की योग्यता-सह-वरिष्ठता के आधार पर निर्णय लेना होता है। सीडीएस भारतीय सशस्त्र बलों के सेवारत अधिकारियों में से एक चार सितारा रैंक का अधिकारी होता है। सेना प्रमुखों में "फर्स्ट अमंग इक्वल्स" होता है।
देश के पहले सीडीएस बने थे जनरल रावत
जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) को 31 दिसंबर 2019 को भारत का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था। वे 01 जनवरी, 2020 से 08 दिसंबर, 2021 तक अपने जीवन के आखिरी क्षणों तक यह पद संभाला। तमिलनाडु के सुलूर से वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (डीएसएससी) में व्याख्यान देने जाते वक्त एक अप्रत्याशित हादसे में उनका अपनी पत्नी और एक अन्य फौजी साथियों के साथ निधन हो गया।