26 नवंबर 2020...वह दिन, जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया और दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से 'संग्राम' शुरू कर दिया। किसानों-सरकार के बीच एक-एक करके 11 दौर की बातचीत हुई। इस दौरान सरकार बैकफुट पर भी दिखी और डेढ़ साल तक कानून निलंबन का प्रस्ताव ले आई। हालांकि, किसान कानून वापसी की मांग पर डटे रहे। फिर 26 जनवरी के दिन दिल्ली में हुई हिंसा ने आंदोलन का रुख ही बदल दिया। किसान नेता राकेश टिकैत की धमकी, फिर हिंसा और आखिर में आंसुओं ने आंदोलन को नई धार दे दी। ...और सिंघु बॉर्डर पर शुरू हुआ यह संग्राम गाजीपुर के 'रण' तक पहुंच गया। इस दौरान क्या-क्या हुआ? शुरुआत में एक तरफ नजर आ रहे राकेश टिकैत कैसे इस आंदोलन के मुखिया बन गए और 69 दिन में यह आंदोलन कितना बदल गया...रूबरू होते हैं इस रिपोर्ट में...