पहाड़ों पर बारिश ने एक बार भी तबाही मचानी शुरू कर दी है। कुमाऊं में शनिवार की रात से शुरू हुई बारिश से जहां-तहां सड़कें बंद हो गईं हैं। इन सड़कों पर घंटों यात्री फंसे रहे। पूर्णागिरि धाम के हनुमानचट्टी के पास बड़ी चट्टान दरकने से पूर्णागिरि-टनकपुर मार्ग बंद हो गया। डेढ़ सौ से अधिक श्रद्धालु पूर्णागिरि क्षेत्र में फंसे हुए हैं।
उत्तराखंड में बारिश: प्रदेश में बंद हुईं 61 सड़कें, अगले तीन दिन फिर भारी बारिश का अलर्ट
खराब मौसम मार्ग खोलने में बाधक बना हुआ है। पत्थर इतना बड़ा है कि उसे हटाने के लिए संसाधनों के अभाव में विभाग लाचार है। वहीं, बाटनागाड़ में मलबा आने से मार्ग बंद है। प्रशासन ने मंदिर समिति को फंसे हुए यात्रियों के लिए निशुल्क भोजन और रात में ठहरने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
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वहीं, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला मंदिर के पास काफी मलबा आ गया। इससे वहां करीब साढ़े चार घंटे आवाजाही ठप रही। चंपावत जिले में एक ग्रामीण सड़क (बाराकोट से रुइयां) भी बंद है। बागेश्वर जिले में रविवार को सात सड़कों पर यातायात बाधित रहा। यातायात बाधित होने से करीब 25 हजार की आबादी प्रभावित रही।
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खराब मौसम मार्ग खोलने में बाधक बना हुआ है। पत्थर इतना बड़ा है कि उसे हटाने के लिए संसाधनों के अभाव में विभाग लाचार है। वहीं, बाटनागाड़ में मलबा आने से मार्ग बंद है। प्रशासन ने मंदिर समिति को फंसे हुए यात्रियों के लिए निशुल्क भोजन और रात में ठहरने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
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