नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिषाचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार इस बार सप्तमी व अष्टमी एक दिन मिल रही हैं। साथ ही अष्टमी व नवमी भी शनिवार को संयुक्त रूप से पड़ रही है। ऐसी स्थिति में अष्टमी को सप्तमी के साथ मिलने वाली तिथि में कन्या पूजन करना उत्तम नहीं माना जाता है। हालांकि, शुक्रवार को अष्टमी पर महागौरी स्वरूप की पूजा कर व्रत रखा जा सकता है।