उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में दहशत का पर्याय बने आदमखोर तेंदुए को मशहूर शिकारी सैय्यद बिन हादी ने बुधवार तड़के सवा चार बजे ढेर दिया। तेंदुए की मौत के बाद ग्रामीणों के साथ ही वन विभाग ने राहत की सांस ली है। आदमखोर ने 21 सितंबर को सुकौली में मनारोगी युवक और 24 सितंबर को छाना पांडे में 12 वर्षीय बालिका करिश्मा को मार डाला था। तेंदुए की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखने के लिए छाना पांडे व सुकौली क्षेत्र में चार कैमरे लगाए थे, लेकिन वह कैमरों में कैद नहीं हो पाया।
तेंदुए के आतंक के बाद वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही थी। तेंदुए के आदमखोर घोषित होने के बाद मेरठ से मशहूर शूटिंग खिलाड़ी सैय्यद बिन हादी और नैनीताल के शिकारी हरीश धामी को तेंदुए को मारने के लिए बुलाया गया था। डीएफओ डॉ. विनय भार्गव ने दो टीमों का गठन किया था। एक टीम धामी के नेतृत्व में छाना पांडे में मचान बनाकर तेंदुए की हर गतिविधि पर नजर रखे हुई थी। दूसरी टीम सैय्यद बिन हादी और डीएफओ डॉ. विनय भार्गव के नेतृत्व में संभावित क्षेत्रों में गश्त कर रही थी।
ग्रामीणों ने मंगलवार को सूचना दी कि धारापानी क्षेत्र में आदमखोर तेंदुआ घूम रहा है। वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तेंदुआ नहीं दिखा। टीम चंडाक, नेकिना, छाना पांडे, नाकोट सहित कई जगहों पर आदमखोर को तलाशती रही, लेकिन तेंदुआ नहीं दिखा। वन विभाग की टीम पौंड़, पपदेव क्षेत्र में पहुंची। उन्हें सुकौली क्षेत्र में तेंदुआ नजर आया। इसी दौरान शिकारी सैय्यद ने तड़के 4.15 बजे तेंदुए पर निशाना साधा। गोली तेंदुए के कान और गर्दन के बीच में लगी और वह ढेर हो गया।
वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय में पशुपालन विभाग की टीम ने सीवीओ डॉ. विद्यासागर कापड़ी के नेतृत्व में तेंदुए का पोस्टमार्टम किया। बाद वन विभाग की टीम उसे जला दिया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विद्यासागर कापड़ी का कहना है कि आदमखोर तेंदुए की मौत गन शॉट से हुई है। आदमखोर के दाहिने कान और गर्दन के बीच में गोली लगी।
आदमखोर तेंदुए की उम्र करीब 10 वर्ष बताई जा रही है। शिकारी सय्यद बिन अली ने बताया कि 10 साल का नर तेंदुआ शिकार करने में अक्षम हो गया था। उसके दांत एवं नाखून भी क्षतिग्रस्त होने लगे थे, जिसके चलते वह ग्रामीण क्षेत्र में आकर मानवों के साथ संघर्ष कर रहा था। तेंदुए की पूंछ सहित लंबाई सात फुट चार इंच, वजन 65 किलो और ऊंचाई दो फीट 10 इंच थी।