भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने मंगलवार को कहा कि सरकार फ्लैगशिप योजना फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) के तहत स्थानीयकरण मानदंडों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
एसोचैम के एक कार्यक्रम से इतर पीटीआई से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि नियमों के कथित उल्लंघन के लिए जिन कंपनियों की जांच चल रही है, उनके लिए सब्सिडी के वितरण पर रोक लगा दी गई है।
FAME II योजना के तहत कंपनियों द्वारा स्थानीयकरण मानदंडों का उल्लंघन करने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर, पांडे ने कहा, "हम इसकी कड़ाई से जांच कर रहे हैं", और कहा, "यदि हमारी शर्त का उल्लंघन किया गया है, तो आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।"
सूत्रों के मुताबिक, Hero Electric (हीरो इलेक्ट्रिक), Okinawa Autotech (ओकिनावा ऑटोटेक), Revolt (रिवॉल्ट), Okoye (ओकोए), Ampere (एम्पीयर) और Jitendra EV (जितेंद्र ईवी) उन कंपनियों में शामिल हैं, जो फेम-2 स्कीम के तहत कथित उल्लंघन के लिए जांच का सामना कर रही हैं। स्कीम के तहत कम से कम 50 फीसदी स्थानीय सोर्सिंग अनिवार्य है।
ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई), जो भारी उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक डोमेन के अंतर्गत आता है, कथित उल्लंघनों की जांच कर रहा है।