सनातन धर्म में प्रातःकाल और संध्याकाल का समय भगवान की भक्ति और पूजा के लिए बताया गया है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य के अपने इष्ट का ध्यान अवश्य करना चाहिए। हर धर्म को लोग ईश्वर को मानते हैं चाहें उनका भक्ति करने का तरीका अलग ही क्यों न हो। हिंदू सनातन धर्म में देवी-देवताओं की मूर्ति स्वरुप में पूजा की जाती है। मंदिर चाहें घर में हो या बाहर वह आस्था का केंद्र होता है। जहां पर मनुष्य अपने इष्ट का ध्यान करता है लेकिन पूजा करने के साथ भी कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है अगर आप इन बातों को ध्यान में नहीं रखते हैं, तो आपकी सारी पूजा व्यर्थ जाती है। आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।