फलित ज्योतिष में आत्मा, यश और राजसत्ता के कारक ग्रह भगवान सूर्य ग्यारह महीने बाद 17 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 3 मिनट पर अपनी नीचसंज्ञक राशि तुला में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि पर ये 16 नवंबर की सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक गोचर करेंगे, उसके बाद वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। कोई भी ग्रह यदि वह जातक की जन्मकुंडली अथवा गोचर में अपनी नीच संज्ञक राशि में रहता है तो शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के फल देता है इसलिए नीच संज्ञक राशि में बैठे या गोचर करने वाले ग्रहों का फलादेश बहुत गहनता से करना चाहिए। सिंह राशि के स्वामी सूर्य मेष राशि में उच्चराशिगत एवं तुला राशि में नीचराशिगत संज्ञक माने गए हैं। इनका अपनी नीच राशि में प्रवेश का सभी 12 राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।