विस्तार
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते को लागू करवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से दखल देने की अपील की है। उनका कहना है कि लिखित समझौते को लागू करने की मांग में कुछ भी राजनीतिक नहीं है। यह बिजलीकर्मियों की न्याय की मांग है।
ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन ने ऊर्जा मंत्री को पूरी तरह से गुमराह किया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी जिला व परियोजना मुख्यालयों पर 14 मार्च को मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। 15 मार्च को कार्य बहिष्कार और 16 मार्च की रात से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
ये भी पढ़ें - 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा : आरक्षण कोटे का सही से नहीं हुआ पालन, 6800 अभ्यर्थियों का चयन रद्द
ये भी पढ़ें - योगी सरकार नवरात्रि में दुर्गाशप्तशती, रामनवमी पर अखंड रामायण का कराएगी पाठ
विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ ने आंदोलन लिया वापस
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा की अपील और शक्ति भवन में पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन एम देवराज के साथ हुई वार्ता के बाद विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ ने तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन वापस ले लिया है। महासंघ के अध्यक्ष आरएस राय ने बताया कि चेयरमैन ने आश्वासन दिया है कि विद्युत दुर्घटना में मृतक संविदा कर्मचारी के आश्रित को दिया जा रहा मुआवजा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया जाएगा। अन्य मांगों पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
ऑफिसर्स एसोसिएशन का हड़ताल से लेना-देना नहीं
उप्र. पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यसमिति की सोमवार को एक आपात बैठक फील्ड हॉस्टल कार्यालय में हुई। इसमें सर्वसम्मति से एलान किया गया कि कार्य बहिष्कार व हड़ताल से एसोसिएशन के सदस्यों का कोई लेना-देना नहीं है। एसोसिएशन के सभी सदस्य इससे अपने को अलग रखते हुए सरकार की योजनाओं को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग प्रदान करते रहेंगे। बैठक में कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा समेत सभी प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।