राज्य वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली राशि का तीन फीसदी अब निराश्रितों की मदद व गोसंरक्षण केंद्रों की व्यवस्था पर खर्च किया जा सकेगा। कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य वित्त आयोग के धन से होने वाले कामों के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
कैबिनेट में पारित प्रस्ताव के अनुसार, ग्राम पंचायतें अब राज्य वित्त आयोग से मिली राशि की तीन फीसदी का इस्तेमाल अत्यधिक गरीब व निराश्रित परिवारों में मृत्यु होने पर अंत्येष्टि के लिए पांच हजार देने में कर सकती है।
ऐसे परिवारों में गंभीर बीमारी की स्थिति में आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में कवर न होने पर एक बार सहायता राशि के तत्काल 2000 रुपये प्रदान किए जाने की व्यवस्था है।
गांव में गरीबी के कारण भूख से मृत्यु न होने पाए, इसके लिए परिवार को एक बार एक हजार रुपये सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। किसी पंचायत में इस मद में 3 प्रतिशत राशि व्यय हो जाने पर पंचायत को इसकी सूचना जिलाधिकारी को देनी होगी।
वह प्रभावित परिवार को टीआर-27 से राशि आहरित कर भुगतान करेंगे। जिसकी प्रतिपूर्ति मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि आहरित कर सहायता राशि उपलब्ध कराएंगे। ग्राम पंचायतें सहायता के लिए पात्र परिवार का चयन निर्धनता तथा आवश्यकता को ध्यान में रखकर करेंगी। चयन के लिए ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव संयुक्त रूप से जिम्मेदार होंगे।
गो-संरक्षण केंद्रों के लिए के लिए हो सकेंगे ये काम
राज्य वित्त आयोग की राशि से सरकारी गो-संरक्षण केंद्रों के लिए कई कार्यों को मंजूरी दी गई है। गो-संरक्षण केंद्र के उपयोग के भूसे को भंडार गृह तक ले जाने के लिए परिवहन लागत एवं उसमें लगने वाले मानव श्रम पर व्यय का राज्य वित्त आयोग की राशि से हो सकेगा।
इसके अलावा इच्छुक किसानों के खेतों पर फसल अवशेष को काटकर भूसे में परिवर्तित किए जाने के लिए मशीनरी एवं मानव श्रम पर व्यय किया जा सकता है। भूसा एकत्र करने के लिए बने कूप, खोप, भक्कू या बुर्जी आदि को बनाने पर आने वाला व्यय भी किया जा सकेगा।
राज्य वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों को मिलने वाली राशि का तीन फीसदी अब निराश्रितों की मदद व गोसंरक्षण केंद्रों की व्यवस्था पर खर्च किया जा सकेगा। कैबिनेट ने मंगलवार को राज्य वित्त आयोग के धन से होने वाले कामों के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
कैबिनेट में पारित प्रस्ताव के अनुसार, ग्राम पंचायतें अब राज्य वित्त आयोग से मिली राशि की तीन फीसदी का इस्तेमाल अत्यधिक गरीब व निराश्रित परिवारों में मृत्यु होने पर अंत्येष्टि के लिए पांच हजार देने में कर सकती है।
ऐसे परिवारों में गंभीर बीमारी की स्थिति में आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में कवर न होने पर एक बार सहायता राशि के तत्काल 2000 रुपये प्रदान किए जाने की व्यवस्था है।
गांव में गरीबी के कारण भूख से मृत्यु न होने पाए, इसके लिए परिवार को एक बार एक हजार रुपये सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। किसी पंचायत में इस मद में 3 प्रतिशत राशि व्यय हो जाने पर पंचायत को इसकी सूचना जिलाधिकारी को देनी होगी।