न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Updated Sun, 14 Jan 2018 11:04 PM IST
लखनऊ विधान भवन के सामने आलू फेंककर सनसनी फैलाने के मामले में पकड़े गए सपा कार्यकर्ता व वाहन चालक ने साजिश करने वालों के नाम के साथ ही कई अन्य राज उजागर किए हैं। इसके अनुसार एसयूवी व मोटरसाइकिलों पर सवार युवकों ने लंबे छुरे से बोरियां काटकर आलू बिखेरे थे।
साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आलू से लदे आठ वाहनों के साथ दर्जन भर एसयूवी व मोटरसाइकिलों पर सवार 150-200 युवकों का जत्था माल एवेन्यू से निकला था। वाहन चालक ने पूछताछ में खुलासा किया कि कन्नौज से आई गाड़ियां माल एवेन्यू स्थित एक भवन में खड़ी थीं।
देर रात इनके चालकों को चलने को कहा गया। इनके पीछे लंबे छुरे लेकर कई युवक एसयूवी व मोटरसाइकिलों से रवाना हुए। इन गाड़ियों के पीछे सवार युवकों ने विधान भवन के सामने बोरियां काटकर रास्ते पर आलू बिखेरने शुरू किए। वहां से जत्था 1090 चौराहा तक गया।
पड़ताल में खुलासा हुआ कि आलू से लदी गाड़ियों के साथ कन्नौज से बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता 5 जनवरी की देर शाम लखनऊ पहुंचे। यहां माल एवेन्यू में उनके लिए लंच पैकेट का इंतजाम था। खाना खाकर चार घंटे विश्राम के बाद जत्था निकला।
विभिन्न राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए माल एवेन्यू व अन्य प्रमुख स्थानों पर खुफिया तंत्र की टीम चक्कर काटती रहती है, लेकिन आलू फेंके जाने की जोरदार तैयारी को लेकर आला अफसरों को जानकारी नहीं दी गई। मामला तूल पकड़ने पर एसएसपी ने गश्त में लापरवाही पर हजरतगंज व गौतम पल्ली थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
चिह्नित की जा रहीं गाड़ियां
आलू कांड में दो लोगों की गिरफ्तारी के साथ छह के नाम उजागर कर चुकी पुलिस अब विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से गाड़ियां चिह्नित करने में जुटी है। माना जा रहा है कि आलू फेंकने वाले जत्थे में दुपहिया वाहनों और लखनऊ के नंबर वाले चार पहिया वाहनों पर स्थानीय लोग सवार थे। उनका पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि देर रात विधान भवन से लेकर 1090 चौराहे तक आलू फेंकने को साजिश माना गया है। किसी मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोग सामने आते हैं, जबकि आलू रात के सन्नाटे में फेंके गए और अगले दिन किसी ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। इस पर केस दर्ज किया गया और सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस से आरोपियों का पता लगाकर पकड़ा गया। पुलिस ने कानून के दायरे में कार्रवाई की है।
लखनऊ विधान भवन के सामने आलू फेंककर सनसनी फैलाने के मामले में पकड़े गए सपा कार्यकर्ता व वाहन चालक ने साजिश करने वालों के नाम के साथ ही कई अन्य राज उजागर किए हैं। इसके अनुसार एसयूवी व मोटरसाइकिलों पर सवार युवकों ने लंबे छुरे से बोरियां काटकर आलू बिखेरे थे।
साइबर क्राइम सेल के इंस्पेक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि आलू से लदे आठ वाहनों के साथ दर्जन भर एसयूवी व मोटरसाइकिलों पर सवार 150-200 युवकों का जत्था माल एवेन्यू से निकला था। वाहन चालक ने पूछताछ में खुलासा किया कि कन्नौज से आई गाड़ियां माल एवेन्यू स्थित एक भवन में खड़ी थीं।
देर रात इनके चालकों को चलने को कहा गया। इनके पीछे लंबे छुरे लेकर कई युवक एसयूवी व मोटरसाइकिलों से रवाना हुए। इन गाड़ियों के पीछे सवार युवकों ने विधान भवन के सामने बोरियां काटकर रास्ते पर आलू बिखेरने शुरू किए। वहां से जत्था 1090 चौराहा तक गया।
बेखबर रहा खुफिया तंत्र
पड़ताल में खुलासा हुआ कि आलू से लदी गाड़ियों के साथ कन्नौज से बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता 5 जनवरी की देर शाम लखनऊ पहुंचे। यहां माल एवेन्यू में उनके लिए लंच पैकेट का इंतजाम था। खाना खाकर चार घंटे विश्राम के बाद जत्था निकला।
विभिन्न राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए माल एवेन्यू व अन्य प्रमुख स्थानों पर खुफिया तंत्र की टीम चक्कर काटती रहती है, लेकिन आलू फेंके जाने की जोरदार तैयारी को लेकर आला अफसरों को जानकारी नहीं दी गई। मामला तूल पकड़ने पर एसएसपी ने गश्त में लापरवाही पर हजरतगंज व गौतम पल्ली थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
चिह्नित की जा रहीं गाड़ियां
आलू कांड में दो लोगों की गिरफ्तारी के साथ छह के नाम उजागर कर चुकी पुलिस अब विभिन्न स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों से गाड़ियां चिह्नित करने में जुटी है। माना जा रहा है कि आलू फेंकने वाले जत्थे में दुपहिया वाहनों और लखनऊ के नंबर वाले चार पहिया वाहनों पर स्थानीय लोग सवार थे। उनका पता लगाकर कार्रवाई की जाएगी।
सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस से आरोपियों का पता लगाकर पकड़ा गया
file foto
एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि देर रात विधान भवन से लेकर 1090 चौराहे तक आलू फेंकने को साजिश माना गया है। किसी मुद्दे पर विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोग सामने आते हैं, जबकि आलू रात के सन्नाटे में फेंके गए और अगले दिन किसी ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली। इस पर केस दर्ज किया गया और सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस से आरोपियों का पता लगाकर पकड़ा गया। पुलिस ने कानून के दायरे में कार्रवाई की है।