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UP News : नगर निकायों के विज्ञापन विभाग के फर्जीवाड़ा पर लगाम की तैयारी, पोर्टल पर देनी होगी सारी जानकारी
अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्तव
Updated Wed, 24 May 2023 07:15 PM IST
नगर निकायों की सीमा में प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिग, कियास्क, यूनिपोल और प्राइवेट साइटों पर विज्ञापन लगाने के लिए टेंडर किया जाता है। जिससे नगर निकायों को भारी भरकम टैक्स मिलता है। लेकिन अब तक इस व्यवस्था के ऑनलाइन न होने की वजह से इसमें जमकर फर्जीवाड़ा होता है।
नगर निकायों में विज्ञापन के नाम पर होने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े को रोकने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए जहां 'एडवरटाइजमेंट मॉड्यूल' में बदलाव किया जा रहा है। वहीं इसे 'ईज ऑफ डुइंग बिजनेस' से जोड़कर पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन करने का फैसला किया गया है। पुरानी प्रक्रिया में विज्ञापन मद में मिलने वाले राजस्व के लेखा-जोखा को ऑनलाइन रखने की व्यवस्था नहीं है, जिससे विज्ञापन मद में जमकर फर्जीवाड़ा होने की शिकायतें थीं । अब नई व्यवस्था में प्रचार-प्रचार से संबंधित विज्ञापनों के लिए नगर निकायों के स्तर से दी जाने वाली अनुमति से संबंधित सभी जानकारी ई-नगर सेवा पोर्टल पर उपलब्ध कराना अनिवार्य किया जाएगा।
दरअसल नगर निकायों की सीमा में प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिग, कियास्क, यूनिपोल और प्राइवेट साइटों पर विज्ञापन लगाने के लिए टेंडर किया जाता है। जिससे नगर निकायों को भारी भरकम टैक्स मिलता है। लेकिन अब तक इस व्यवस्था के ऑनलाइन न होने की वजह से इसमें जमकर फर्जीवाड़ा होता है। मैनुअल व्यवस्था होने की वजह से नगर निकायों में विज्ञापन विभाग को भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा माना जाता है। इस विभाग में तैनाती के लिए कर्मचारियों में होड़ मची रहती है। कर्मचारियों व ठेकेदार की मिलीभागत से हर साल निकायों को करोड़ो रुपये का नुकसान होता है।
इसके मद्देनजर ही सरकार ने इस व्यवस्था को भी ऑनलाइन करने का फैसला किया है। उधर केन्द्र सरकार ने पूरी प्रक्रिया को ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के तहत ई-नगर सेवा पोर्टल से जोडऩे को कहा है। इस आधार पर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय ने सभी नगर निकायों को विज्ञापन के साइटों से मिलने वाले टैक्स का नया मॉड्यूल तैयार करने का निर्देश दिया है।
ऑनलाइन होने से यह होगा फायदा
नगर निकायों की सीमा में विज्ञापन लगाने के संबंध में होने वाले टेंडर और उसके बदले मिलने वाले टैक्स की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिए जाने से जहां विभाग के क्रियाकलापों में पारदर्शिता आएगी। वहीं नगर निकाय सीमा में होर्डिग्स, कियास्क, यूनिपोल व प्राइवेट साइट आवंटन व दर और प्राप्त होने वाले राजस्व की जानकारी सार्वजनिक रहेगी। इससे निकाय कर्मियों की मिली भगत से अवैध होर्डिंग लगाने के खेल पर भी लगाम लगेगा।
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