प्रदेश के प्रमुख राजनीति दलों ने गुरुवार को चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने आए चुनाव आयोग से कई अफसरों की शिकायत की।
राजनीति दलों ने डीआईजी लखनऊ रेंज नवनीत सिकेरा, बांदा के एसएसपी अरविंद सेन, मेरठ के डीएम पंकज यादव व फतेहपुर के एसपी शिव सागर सिंह सहित कई अधिकारियों की शिकायत की।
अफसरों पर सरकार के एजेंट के रूप में काम करने के आरोप भी लगाए गए।
मुख्य चुनाव आयुक्त वीएस संपत प्रदेश में चुनाव तैयारियों की समीक्षा करने के लिए गुरुवार को लखनऊ पहुंचे थे।
उन्होंने प्रमुख राजनीति दलों के प्रतिनिधियों से अलग-अलग मुलाकात की। कांग्रेस ने कई अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोला।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि डीआईजी नवनीत सिकेरा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव के परिवार से सीधे जुड़े हुए हैं।
यही वजह है कि सपा को छोड़कर बाकी सभी राजनीति दलों से उनका भेदभाव पूर्ण रवैया रहता है। राजधानी के हजरतगंज में तैनात सीओ दिनेश चन्द्र यादव की भी शिकायत हुई।
कांग्रेस ने कहा कि वे सपा के एजेंट के रूप में काम करते हैं। इनके रहने से साफ-सुथरे चुनाव नहीं हो सकते हैं। बांदा के एसएसपी अरविंद सेन सपा नेता व फैजाबाद के सपा प्रत्याशी मित्रसेन यादव के बेटे हैं।
इनके रहते भी निष्पक्ष चुनाव हो पाना संभव नहीं है। बांदा से सपा प्रत्याशी बाल कुमार पटेल के कहने पर एसटीएफ हटा दी गई है।
बाल कुमार पटेल जाने-माने डकैत ददुआ के भाई हैं। इसलिए यहां की जनता में भय को दूर करने के लिए एसटीएफ की तैनाती बहुत जरूरी है।
रामपुर के डीएम, एसपी व सीओ सिटी को भी हटाने की मांग हुई है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, श्याम नंदन सिंह व अमित पुरी ने पक्ष रखा।
इन लोगों ने भी मेरठ, झांसी व हमीरपुर के डीएम की शिकायत की। सोनभद्र के एसपी राम बहादुर यादव पर भी सपा के एजेंट के रूप में काम करने की शिकायत की है।
20 थाने में 12 में एसओ यादव हैं जबकि पांच सीओ सर्किल में से तीन में यादव अफसर तैनात हैं। कानपुर व इटावा के कई पुलिस अफसरों की भी शिकायत भाजपा ने चुनाव आयोग से की है।
भाजपा ने लखनऊ के मोहनलालगंज के परगनाधिकारी एसएन यादव की भी शिकायत की है। भाजपा ने कहा कि प्रदेश सरकार चुनाव की दृष्टि से पुलिस व प्रशासनिक मशीनरी में भारी फेरबदल किया है।
यह सारे प्रयास चुनाव को अपने पक्ष में प्रभावित करने के लिए हुए हैं। चुनाव आयोग से यह सिफारिश की है कि सीओ रैंक तक के अधिकारी की सर्विस रिकॉर्ड मंगाकर समीक्षा की जाए।