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लखनऊ-वाराणसी वाया रायबरेली रेल लाइन के विद्युतीकरण कार्य को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) शैलेश कुमार ने भी गुरुवार को हरी झंडी दे दी। अब इस रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन के साथ 110 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेगी।
बस रेलवे विभाग को विद्युत चालित ट्रेनों के संचालन की अनुमति देनी है। इस अनुमति के बाद लखनऊ-वाराणसी के बीच दौड़ने वाली 15 ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन के साथ शुरू हो जाएगा। साथ मेमू भी चलाए जाने के संबंध में अहम फैसला लिया जा सकता है।
आरवीएनएल के प्रबंधक जगन्नाथ मिश्र ने बताया कि निरीक्षण के बाद सीआरएस ने इस रेल लाइन पर 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से विद्युत ट्रेनों को दौड़ाने की मंजूरी दे दी है। अब जल्दी ही रेल प्रशासन लखनऊ से वाराणसी रेल खंड पर रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़, जंघई होते हुए विद्युत ट्रेनों को अनुमति प्रदान कर सकता है।
रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने लखनऊ-वाराणसी वाया रायबरेली रेल लाइन पर तीसरे चरण में कराए गए विद्युतीकरण कार्य का बृहस्पतिवार को निरीक्षण किया। तीसरे चरण में उतरेटिया से श्रीराज नगर तक डबल लाइन पर विद्युतीकरण कराया गया है।
सीआरएस विशेष गाड़ी से सुबह 10 बजे बछरावां (रायबरेली) स्टेशन पहुँचे। जहां से उन्होंने रेल विकास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विशेष गाड़ी से सुबह 10.40 बजे निरीक्षण प्रारंभ किया किया, जो दोपहर 1.20 बजे उतरेटिया (लखनऊ) स्टेशन पर समाप्त हुआ। इस दौरान सीआरएस ने सभी समपार फाटकों, स्टेशनों का बारीकी से निरीक्षण किया।
उतरेटिया से दोपहर 1.55 बजे विद्युत इंजन युक्त विशेष गाड़ी से बछरावां तक डाउन लाइन से 123 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रायल कर करेंट कलेक्शन टेस्ट किया। वह बछरावां में दोपहर 2.20 बजे पहुँचे।
इसके बाद सीआरएस ने दोपहर 3.10 बजे बछरावां से उतरेटिया तक 122 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से डाउन लाइन का जायजा लिया। वह 3.35 बजे उतरेटिया पहुंचे। सीआरएस ने संपूर्ण मानकों, संसाधनों, उपकरणों, रेल मार्ग एवं अन्य जरूरी प्रक्रियाओं का गहनता से निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान रेल विकास निगम लिमिटेड के डायरेक्टर प्रोजेक्ट आनंद कुमार, प्रमुख कार्यकारी निदेशक (विद्युत) दिनेश चंद्र पांडेय, प्रमुख कार्यकारी निदेशक (सिग्नल एवं दूरसंचार) संजय डुंगराकोटी, मुख्य परियोजना अधिकारी संजीव सहगल के अलावा रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह नवीन विद्युत रेल मार्ग यात्रियों के आवागमन के लिए अधिक सुविधाजनक होगा। साथ ही इस विद्युतीकरण के जरिए कम परिचालन लागत पर अधिकतम उर्जा की प्राप्ति होगी। उच्च गुणवत्ता के साथ अधिक शक्ति प्राप्त होगी। डीजल इंजन में प्रयोग किया जाने वाला ईंधन बचेगा। पर्यावरण के अनुकूल रहेगा।
-संजय त्रिपाठी, डीआरएम, उत्तर रेलवे लखनऊ।
लखनऊ-वाराणसी वाया रायबरेली रेल लाइन के विद्युतीकरण कार्य को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) शैलेश कुमार ने भी गुरुवार को हरी झंडी दे दी। अब इस रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन के साथ 110 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ेगी।
बस रेलवे विभाग को विद्युत चालित ट्रेनों के संचालन की अनुमति देनी है। इस अनुमति के बाद लखनऊ-वाराणसी के बीच दौड़ने वाली 15 ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक इंजन के साथ शुरू हो जाएगा। साथ मेमू भी चलाए जाने के संबंध में अहम फैसला लिया जा सकता है।
आरवीएनएल के प्रबंधक जगन्नाथ मिश्र ने बताया कि निरीक्षण के बाद सीआरएस ने इस रेल लाइन पर 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से विद्युत ट्रेनों को दौड़ाने की मंजूरी दे दी है। अब जल्दी ही रेल प्रशासन लखनऊ से वाराणसी रेल खंड पर रायबरेली, अमेठी, प्रतापगढ़, जंघई होते हुए विद्युत ट्रेनों को अनुमति प्रदान कर सकता है।
रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) शैलेश कुमार पाठक ने लखनऊ-वाराणसी वाया रायबरेली रेल लाइन पर तीसरे चरण में कराए गए विद्युतीकरण कार्य का बृहस्पतिवार को निरीक्षण किया। तीसरे चरण में उतरेटिया से श्रीराज नगर तक डबल लाइन पर विद्युतीकरण कराया गया है।
सीआरएस विशेष गाड़ी से सुबह 10 बजे बछरावां (रायबरेली) स्टेशन पहुँचे। जहां से उन्होंने रेल विकास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में विशेष गाड़ी से सुबह 10.40 बजे निरीक्षण प्रारंभ किया किया, जो दोपहर 1.20 बजे उतरेटिया (लखनऊ) स्टेशन पर समाप्त हुआ। इस दौरान सीआरएस ने सभी समपार फाटकों, स्टेशनों का बारीकी से निरीक्षण किया।
उतरेटिया से दोपहर 1.55 बजे विद्युत इंजन युक्त विशेष गाड़ी से बछरावां तक डाउन लाइन से 123 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रायल कर करेंट कलेक्शन टेस्ट किया। वह बछरावां में दोपहर 2.20 बजे पहुँचे।
इसके बाद सीआरएस ने दोपहर 3.10 बजे बछरावां से उतरेटिया तक 122 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से डाउन लाइन का जायजा लिया। वह 3.35 बजे उतरेटिया पहुंचे। सीआरएस ने संपूर्ण मानकों, संसाधनों, उपकरणों, रेल मार्ग एवं अन्य जरूरी प्रक्रियाओं का गहनता से निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान रेल विकास निगम लिमिटेड के डायरेक्टर प्रोजेक्ट आनंद कुमार, प्रमुख कार्यकारी निदेशक (विद्युत) दिनेश चंद्र पांडेय, प्रमुख कार्यकारी निदेशक (सिग्नल एवं दूरसंचार) संजय डुंगराकोटी, मुख्य परियोजना अधिकारी संजीव सहगल के अलावा रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बचेगा ईंधन, सुधरेगा पर्यावरण
यह नवीन विद्युत रेल मार्ग यात्रियों के आवागमन के लिए अधिक सुविधाजनक होगा। साथ ही इस विद्युतीकरण के जरिए कम परिचालन लागत पर अधिकतम उर्जा की प्राप्ति होगी। उच्च गुणवत्ता के साथ अधिक शक्ति प्राप्त होगी। डीजल इंजन में प्रयोग किया जाने वाला ईंधन बचेगा। पर्यावरण के अनुकूल रहेगा।
-संजय त्रिपाठी, डीआरएम, उत्तर रेलवे लखनऊ।