अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएसी) का गठन हुए आठ माह बीत गए लेकिन सरकार इसके आठ सदस्यों में से पांच का चयन अब तक नहीं कर पाई है।
आयोग में खाली पड़े सदस्यों के पदों से चल रही भर्तियों की रफ्तार सुस्त हो सकती है। जानकारों का कहना है कि सदस्य पद के दावेदारों की संख्या ज्यादा होने से चयन में देरी हो रही है।
प्रदेश सरकार ने समूह ग के रिक्त करीब तीन लाख से ज्यादा पदों को भरने के लिए पिछले साल अक्तूबर में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया था।
तत्कालीन राज्य संपत्ति अधिकारी राजकिशोर यादव अध्यक्ष बनाए गए। बाद में तीन सदस्यों की नियुक्ति की गई। आयोग ने कई विभागों के सीधे साक्षात्कार वाले कुछ पदों पर भर्तियां भी की हैं।
लिपिक, आशुलिपिक, चकबंदी लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन भी निकाले। लिपिक परीक्षा की लिखित परीक्षा का रिजल्ट भी आ गया। मगर, आयोग की असली परीक्षा अब शुरू होनी है।
जानकारों के मुताबिक जैसे-जैसे विज्ञापनों से जुड़ी लिखित परीक्षाएं होंगी और रिजल्ट आएंगे और आयोग को इंटरव्यू लेना होगा। वैसे-वैसे दिक्कतें बढ़ेंगी।
आयोग में आठ में से पांच सदस्यों का स्थान रिक्त होने का सबसे बड़ा असर आगे इंटरव्यू की प्रक्रिया पर पड़ेगा। आवेदन लेकर आयोग यदि महीनों तक परीक्षा और इंटरव्यू नहीं करा पाएगा तो फिर और सवाल उठेंगे।
भर्तियों पर विश्वसनीयता का हाल ये है कि राज्य लोकसेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षाएं हों या सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की चयन प्रक्रिया, कोर्ट-कचहरी तक पहुंच जा रही हैं। ऐसे में नए आयोग के सामने अपनी साख बनाने और उसे बचाने की चुनौती है।
इस संबंध में आयोग के अध्यक्ष राजकिशोर यादव का कहना है कि रिक्त पदों पर सदस्य सरकार को नियुक्त करना है। आयोग अपनी सीमाओं में भर्ती की कार्यवाही कर रहा है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएसी) का गठन हुए आठ माह बीत गए लेकिन सरकार इसके आठ सदस्यों में से पांच का चयन अब तक नहीं कर पाई है।
आयोग में खाली पड़े सदस्यों के पदों से चल रही भर्तियों की रफ्तार सुस्त हो सकती है। जानकारों का कहना है कि सदस्य पद के दावेदारों की संख्या ज्यादा होने से चयन में देरी हो रही है।
प्रदेश सरकार ने समूह ग के रिक्त करीब तीन लाख से ज्यादा पदों को भरने के लिए पिछले साल अक्तूबर में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया था।
तत्कालीन राज्य संपत्ति अधिकारी राजकिशोर यादव अध्यक्ष बनाए गए। बाद में तीन सदस्यों की नियुक्ति की गई। आयोग ने कई विभागों के सीधे साक्षात्कार वाले कुछ पदों पर भर्तियां भी की हैं।
लिपिक, आशुलिपिक, चकबंदी लेखपाल, ग्राम पंचायत अधिकारी के रिक्त पदों के लिए विज्ञापन भी निकाले। लिपिक परीक्षा की लिखित परीक्षा का रिजल्ट भी आ गया। मगर, आयोग की असली परीक्षा अब शुरू होनी है।